नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप को दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। वकील अंजना प्रकाश ने कहा कि मुकेश का जेल में शारीरिक शोषण हुआ है। उस समय प्रिजन अधिकारी वहां थे, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। वकील ने कहा कि मुकेश के भाई राम सिंह की हत्या की गई है। जेल अधिकारी कह रहे हैं कि उसने फांसी लगाई है, जबकि उसका एक हाथ खराब था। वो फांसी कैसे लगा सकता है। वकील ने आरोप लगाया कि मुकेश को क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने से पहले एकांत कारावास में रखा गया था। नहीं किया दुष्कर्म:-मुकेश ने अदालत में पेश अपने हलफनामे में दावा किया कि उसने दुष्कर्म नहीं किया। हालांकि वह घटनास्थल पर मौजूद था। मुकेश के वकील अंजना ने कहा कि 14 जनवरी को दया याचिका दायर की गई और 17 फरवरी को फैसला आ गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका का निपटारा करने में जल्दी दिखाई है। राष्ट्रपति के फैसले की न्यायिक समीक्षा होनी चाहिए। सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए:-मुकेश की वकील अंजना ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसलों के मुताबिक राष्ट्रपति को दया याचिका पर विचार करते समय सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने पहले के फैसले में कहा है कि ऐसे केस में सावधानीपूर्वक फैसला लेना चाहिए। मानसिक स्थिति ठीक है:-सुनवाई के दौरान सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सजा पाए दोषी की मानसिक स्थिति खराब होने पर फांसी नहीं दी जाती है। मुकेश की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक है। राष्ट्रपति किया था खारिज:-दोषी मुकेश कुमार सिंह ने पिछले सप्ताह दया याचिका लगाई थी। जिसे 17 जनवरी को राष्ट्रपति कोविंद ने खारिज कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश एस.ए.बोबडे, जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी को फांसी होने वाली है। इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं हो सकता।1 फरवरी को होगी फांसी:-सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की याचिका खारीज कर दिया है। जिसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका की अर्जी लगाई थी। मामले में निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के लिए वारंट जारी किया है। चारों को एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होगी। गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। छह आरोपियों ने 23 वर्षीय महिला के साथ चलती बस में मिलकर दुष्कर्म किया था और उसकी बुरी तरह पिटाई की थी। बाद में छात्रा की मौत हो गई थी। सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों में से एक नाबालिग था, इसलिए उसे किशोर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहीं एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।