सूबे के एक मंत्री के बारे में कहा जाता है कि वे नियम-कानून के बड़े पक्के हैं। वे पार्टी कार्यकर्ताओं को साफ नसीहत देते हैं कि उनके समक्ष ऐसा मामला न लाया जाए जो विधि सम्मत न हो। जो काम नियमतः नहीं हो सकता ऐसे प्रकरणों से कार्यकर्ताओं को परहेज करना चाहिए। लेकिन उनके विधायकी क्षेत्र के कार्यकर्ता अक्सर सातवे आसमान पर रहते हैं। सूत्रों के अनुसार वे जिले के अधिकारियों के सिर पर सवार रहते हैं। बात-बात पर उनका तबादला सुकमा, कोण्टा करवा देने की धमकी देते रहते हैं। इतना तो वे पुराने हुक्मरान के आदेश पर दौड़ते नहीं थे। उनके सिपहसलार तो ड्यूटीरत पुलिस के बड़े अधिकारी तक को चिढ़ाने से भी बाज नहीं आते हैं। सद्य समाप्त पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान की पहली रात माननीय के करीबी प्रत्याशी सहित उनके कार्यकर्ता अधिकारियों के साथ जैसा पेश आते हैं उसी अंदाज में भाजपाईयों से भीड़ गए। जिला पंचायत सदस्य के लिए भाजपा की ओर से कोई सामान्य कार्यकर्ता नहीं बल्कि युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में थे। अपने प्रदेश अध्यक्ष को जितवाने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अतिउत्साह के चलते सत्ता पक्ष के कार्यकर्ता भाजपाईयों के द्वारा पीट गए। भाजपाईयों से घिरे कांग्रेसियों ने जब टी.आई. को फोन लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। एस.पी. को फोन कर पूरी भड़ास निकाली। तब फिर एसपी ने टीआई को मौके पर भेजा। उधर उद्वेलित भाजपाईयों ने नारे बाजी करते हुए खूब हंगामा किया। हालांकि नतीजा भाजपा के पक्ष में रहा, जबकि पूरे जिले में भाजपा को सात सीटे मिली और पांच सीट पर कांग्रेस तथा दो सीट पर उनके बागियों ने बाजी मारी।