राज्य स्तरीय ई-मेगा कैंप का आयोजन

विशेष ई-मेगा कैम्प का शुभारंभ 31 अक्टूबर प्रातः 10ः30 बजे विडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से

30 अक्टूबर 2020

(प्रदेश):- राज्य स्तरीय ई-मेगा कैंप का आयोजन विशेष ई-मेगा कैम्प का शुभारंभ 31 अक्टूबर प्रातः 10ः30 बजे विडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा 31 अक्टूबर को किया जा रहा है। राज्य स्तरीय विशेष ई-मेगा कैंप का शुभारंभ माननीय कार्यपालक अध्यक्ष/न्यायमूति प्रशांत कुमार मिश्रा, माननीय न्यायमूति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय तथा माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुडी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष्, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की गरिमामयी उपस्थिति

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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एनआईसी से विडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रातः 10ः30 बजे किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं

जिला प्रशासन दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में कलेक्टर परिसर के एनआईसी सभागार में 11ः30 बजे रामजीवन देवांगन कार्यवाहक जिला न्यायाधीश

अध्यक्ष दुर्ग के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर विडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। उक्त दीप प्रज्जवलन में

सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर दुर्ग, सुशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक दुर्ग व राहुल शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग एवं अन्य विभाग के अधिकारी रहेंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य में ई-प्लेटफार्म के माध्यम से 31 अक्टूबर को शासन द्वारा संचालित योजनाओं में पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय एवं अन्य सहायता हितग्राहियों की पहचान कर उक्त तिथि को संबंधित योजनाा के अनुरूप राशि अथवा लाभ प्रदान किए जावेंगे। साथ ही विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी एवं प्रक्रिया भी आम जन को प्रदान की जावेगी। इस कार्यवाही का लाईव प्रसारणा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के फेसबुक डीएलएसए दुर्ग के लिंए 5 पर किया जावेगा। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (दुर्ग डीएलएसए) के द्वारा यू ट्यूब चैनल डीएलएसए दुर्ग पर लाईव स्ट्रीमिंग किया जावेगा।

{अपने विवेक से ही निवेश करें काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग में}

(जिला मुख्लय):-मछली पालन विभाग को विभिन्न सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इन दिनों प्रदेश में कुछ अशासकीय संस्थाओं/फर्म द्वारा मत्स्य कृषकों की भूमि पर तालाब निर्माण करवा कर मछली पालन का व्यवसाय करवाने के नाम पर विभिन्न योजनाएं प्रसारित की जा रही है। इन संस्थाओं द्वारा मत्स्य कृषकों से एक बड़ी राशि लेकर उनकी ही भूमि पर मत्स्य पालन का व्यवसाय करने एवं उन्हें एक निश्चित मासिक आय का प्रलोभन दिया जा रहा है। ‘‘काॅनट्रेक्ट फाॅर्मिंग’’ या ‘‘राशि दो गुना करने जैसे नाम से ये प्रस्ताव ऐसे फम्र्स दे रही है।

सर्वसाधारण एवं मत्स्य पालकों को सूचित किया जाता है कि मछली पालन विभाग अथवा छत्तीसगढ़ शासन ऐसी किसी भी योजना से स्वयं विचार कर एवं वैधानिक/ आर्थिक पक्षों को भलिभांति समझ बुझकर ही राशि निवेश करे अन्यथा शासन या मछली पालन विभाग किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होगा।

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