राज्य सरकार ग्रामीणों, किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए क्रेडा विभाग द्वारा सोलर ड्यूल पंप के माध्यम पानी उपलब्ध करा रही है। सौर ऊर्जा से जल की उपलब्धता ग्रामीणों के पेयजल एवं अन्य निस्तारी सहित बहुउपयोगी साबित हो रही है। आश्रित महिलाओं को पानी के लिए दूर नहीं जाना पडता है। अब उन्हं पास में ही सुगमता के साथ पानी उपलब्ध हो जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्रों में सोलर ड्यूल पंप से खेती-किसानी को प्रोत्साहन से उत्पादन में वृद्धि हो रही है,
वही पेयजल के लिए भी शुद्ध पानी भी मिल रहा है। क्रेडा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि
कोरिया जिले के विकासखण्ड मनेन्द्रगढ अंतर्गत ग्राम पाराडोल, कपरिया और विकासखण्ड
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भरतपुर अंतर्गत ग्राम बसखोहर के ग्रामीण सोलर ड्यूल पंप के जरिये भूमि में साग-सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।
साथ ही सौर ऊर्जा से प्राप्त पानी ग्रामीणों और किसानों के लिए बहुउपयोगी साबित हो रही है।
इस व्यवस्था में सोलर पंप के साथ-साथ 5 से 10 हजार लीटर की टंकी भी एक निश्चित ऊंचाई पर स्थापित की जाती है।
जो निकट स्थापित 4 स्टैंड पोस्ट के नलों से जल निकासी हेतु अतिरिक्त व्यवस्था उपलब्ध कराता है।
इस योजना की वजह से अब आश्रित महिलाओं को पानी के लिए दूर नहीं जाना पडता है।
अब उन्हं पास में ही सुगमता के साथ पानी उपलब्ध हो जाता है।
इसके साथ ही नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत बाड़ी विकास को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।
जल की उपलब्धता से ग्रामीणों द्वारा साग-सब्जी उत्पादन किया जा रहा है।
उत्पादित साग-सब्जी का उपयोग घर के लिए करने के साथ-साथ
अतिरिक्त आमदनी के लिए विक्रय भी किया जा रहा है।
इससे उन्हें घर-परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है।







