लू से बचाव के निर्देश कोविड-19 में

लू से बचाव करना जरूरी लू से बचाव एवं प्रबंधन के लिए दिशा निर्देश

(रायपुर):- लू से बचाव के निर्देश कोविड-19 में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव एवं राहत आयुक्त रीता शांडिल्य ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर इस साल भीषण गर्मी की संभावना को देखते हुए लू से बचाव एवं प्रबंधन करने आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। राहत आयुक्त ने इस संबंध में सभी कलेक्टर्स को अपने-अपने जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा प्रतिदिन लू से प्रभावितों की जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कलेक्टरों को अपने जिलों में लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गर्मी के इस मौसम में तापमान और बढ़ने की संभावना है। गर्मी के मौसम

में लोगों को लू से प्रभावित होने की संभावना रहती है। सूर्य की तेज गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर पर

के विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित हो जाता हैं। शरीर की

जैविक क्रियाओं को प्रभावित करता हैं। इस स्थिति को लू लगना (हीट स्ट्रोक) के नाम से जाना

जाता है। जिसके कारण लू लगने की अधिक संभावना होती लू के विभिन्न लक्षण जैसे – सिर में

भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी का आना

, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना हैं। साथ ही शरीर का तापमान अधिक होने पर पसीना आना

एवं भूख कम लगना, बेहोश होना। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती हैं। इससे बचाव के लिए यह ध्यान रखना जरूरी है

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