(रायपुर):-लाखों किसानों को छूट से मिली मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की गाइडलाईन में हुए आंशिक संशोधन से राज्य के लाखों किसानों को राहत मिली है। इस योजना के तहत संयुक्त खातेदार किसानों को पंजीयन लिए आवेदन पत्र के साथ सहमति सह-शपथ पत्र देने की बाध्यता को समाप्त कर, छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को कचहरी और नोटरी के चक्कर तथा करोड़ो रूपए अनावश्यक व्यय भार से राहत दे दी ।
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यहां यह उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीयन के लिए संयुक्त
खातेदार कृषकों को शपथ पत्र देने का प्रावधान इस योजना की गाइडलाईन में रखा गया था। शपथ
पत्र बनवाने में किसानों को आ रही दिक्कत और अनावश्यक राशि खर्च होने का मामला जब
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आया तो उन्होंने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे को योजना की
गाइडलाईन में यथा संभव संशोधन कर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल के निर्देश के परिपालन में कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की
गाइडलाईन में आंशिक रूप से संशोधन कर किसानों पंजीयन कराने लिए शपथ पत्र
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देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। संयुक्त खातेदार किसानों अब पंजीयन लिए
सिर्फ स्वघोषणा पत्र देना होगा। संयुक्त खातेदार किसानों का पंजीयन नंबरदार के नाम होगा।
गौरतलब कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की जारी गाईडलाइन में संयुक्त खातेदार कृषकों
के पंजीयन के लिए आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य
आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने का प्रावधान रखा गया , जिसे अब विलोपित कर दिया गया ।