महासमुंद। बच्चों में शिक्षा के साथ ही नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने का काम देव संस्कृति विद्यालय द्वारा किया जाता है। साथ ही बच्चों को समाज और देश के प्रति क्या जिम्मेदारी है इसकी भी शिक्षा देने की महती भूमिका निभाने का काम इस विद्यालय द्वारा किया जा रहा है। विद्यालय के शिक्षक बधाई के पात्र हैं। उक्त बातें देव संस्कृति विद्यालय के वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि क्षेत्र के विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कही है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में शिक्षा के साथ-साथ खेल (स्पोर्ट्स) के क्षेत्र में उज्जवल भविष्य है। विधायक श्री चंद्राकर ने कहा पालक बच्चों को रेस में दौड़ने की बजाए बच्चों में छुपी प्रतिभा को पहचानने की जरूरत है। क्योंकि प्रत्येक बच्चों में प्रतिभा होती है। वार्षिकोत्सव में बतौर अध्यक्षता करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कहा इस विद्यालय का नाम लेने पर ही देवताओं का वंदन करने के समान है। नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कहा देव संस्कृति विद्यालय के गुरुजनों ने बच्चों को जो संस्कार दिया है, इससे प्रमाणित होता है कि आज इस विद्यालय में बच्चों की संख्या 7 सौ जा पहुंची है। नपाध्यक्ष ने कहा विद्यालय में मिलने वाली शिक्षा बच्चों का भविष्य तैय करती है। उन्होंने आगे कहा कि जब कभी भी इस विद्यालय को मेरी आवश्यकता होगी मैं सदेव तत्पर रहुंगा। इस दौरान विद्यालय के छात्र-छत्राओं द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कक्षा अरूण और उदय के छोटे छोटे बच्चों के नृत्य देख लोग मंत्रमुंग्ध हुए। इसके पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर एवं नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने गायत्री माता की पूजा अर्चना कर सरस्वती माता के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सभापति संदीप घोष, पूर्व युवा आयोग सदस्य प्रशांत श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र बाफना, बी.एन. गुप्ता, प्रभात उपाध्याय, बाबूराम, आर.के. तिवारी सहित विद्यालय के शिक्षक एवं पालक गण उपस्थित थे।