(Maharashtra Maratha) :- महाराष्ट्र मराठा समुदाय के आरक्षण मामले में नया मोड़ पूरी रिपोर्ट खबर पर मनोज जरांगे पाटिल,मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता, ने जताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से किए गए चर्चाओं के बाद उनका विरोध सरकार द्वारा स्वीकृत हो गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं और उन्हें एक सरकारी आदेश के पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है। उनकी मुख्य मांगों में से एक थी कि महाराष्ट्र में अंतरावली सहित सभी मामले जो दर्ज हैं, उन्हें वापस लिया जाए। इसके अलावा,उन्होंने आरक्षण पर फैसले आने तक मराठा समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा को मुफ्त करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी भर्ती में मराठाओं के लिए रिजर्व कोटा को बनाए रखा जाए।
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अभिलेख मिलने पर सभी सगे-संबंधियों को प्रमाण पत्र दिया जाए
सगे-संबंधियों को लेकर अध्यादेश निकाला जाए जरांगे ने अपने
बयान में इसके अलावा भी कहा कि इस मुद्दे में अभिलेख (नोंदि)
खोजने में उन्हें भी सहारा मिलना चाहिए और सरकार से इस
दिशा में सहारा मांगा है।उन्होंने यह भी जताया कि आरक्षण पर
फैसला आने तक उन्हें समर्थन करने के लिए अब सभी मामलों को
स्थगित कर दिया जाएगा।
सरकार की ओर से मांगों को मान लिए जाने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे की प्रतिक्रिया आई है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है हमारा विरोध अब खत्म हो गया है हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे वो मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन समाप्त करेंगे यह बयान स्थानीय मीडिया में बड़ा चर्चाएँ कर रहा है और आंदोलन के विरोधी तथा समर्थकों के बीच में तनाव को कम करने की कड़ी की जा रही है।