नई दिल्ली:- नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) ने पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के लिए 120 करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराया था। जानकारी के अनुसार यह पैसा कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल,वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, दुष्यंत ए दवे और अब्दुल समंद सहित कई नामचीन हस्तियों को ट्रांसफर किया गया। जबकि 1.65 करोड़ रुपये पीएफआइ कश्मीर को ट्रांसफर किए गए।
इस दौरान 77 लाख रुपये कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को दिए गए। दुष्यंत दवे को 11 लाख रुपये, इंदिरा जयसिंह को 4 लाख और अब्दुल समंद को 3.10 लाख रुपये दिए गए। यह लेन-देन 73 बैंक खातों के माध्यम से हुआ है। जानकारी के अनुसार सिब्बल ने इसे लेकर कहा है कि उन्हें यह रकम फीस के तौर मिली है।
बता दें कि उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के पीछे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का हाथ सामने आने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीएफआइ के खिलाफ पहले से चली आ रही मनी लांड्रिंग की जांच को और तेज कर दिया था। उसके खातों की पड़ताल में आयकर विभाग भी जुट गया था। इसी के बाद यह खुलासा हुआ है।
जानकारी के अनुसार जांच में पता चला कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से 27 बैंक खाते खोले गए। 9 बैंक खाते रिहैब इंडिया फाउंडेशन के हैं, जो पीएफआइ से जुड़ा संगठन है और इसी संगठन ने 17 अलग-अलग लोगों और संगठन के नाम पर 37 बैंक खाते खोले हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए, 73 खातों में लगभग 120 करोड़ रुपये जमा किए गए थे, लेकिन खातों में मामूली राशि छोड़ दी गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि पैसा जमा करने वालों को एक बार में 50 हजार रुपये से कम जमा करने का निर्देश दिया गया था
ईडी के सूत्रों ने यह भी बताया कि पीएफआइ के 15 बैंक खातों में लेनदेन की तारीखें भी हिंसा की तारीखों से मेल खाती हैं। इससे हिंसक विरोध और पीएफआइ के बीच एक स्पष्ट संबंध साबित होता है। सीएए के पास होने के बाद पीएफआइ के 15 बैंक खातों में 1. 04 करोड़ जमा किए गए। दिसंबर से जनवरी के बीच इन बैंक खातों से 1.34 करोड़ रुपये निकाले गए। निश्चित दिनों (21 दिसंबर और 12 दिसंबर) पर पीएफआइ के एक खाते से 80-90 बार निकासी की गई। मामला सामने आने के बाद भाजपा ने इसकी जांच की मांग की है। भाजपा नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगर किसी विशेष दिन ऐसा वित्तीय लेनदेन हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए।