आंगनबाड़ियों में 233 पदों पर जल्द भर्तियां कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं में कुपोषण एक बड़ी समस्या है। इसे दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने अगले दो महीने में इसका विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा। रिपोर्ट में इसे दूर करने के लिए प्रभावी डाईट चार्ट भी सुझाएं ताकि मुख्यमंत्री सुपोषण चौपाल के जरिये उन्हें सुपोषित किया जा सके। पहले चरण में अभियान के अंतर्गत अच्छे परिणाम आये। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण के विरूद्ध चौतरफा हमले की जरूरत है।
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दोनों केन्द्र मिलाकर मात्र 20 बेड की सुविधा है। कलेक्टर ने प्रत्येक विकासखण्ड के लिए अलग से एनआरसी केन्द्र खोलने के लिए
प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि जिले में फिलहाल 5
हजार 852 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाये गये हैं। कलेक्टर जैन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों रिक्त
पदों की भर्ती जल्द करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 110
और सहायिका के 223 पद फिलहाल रिक्त । इनमें भर्ती की प्रक्रिया जारी ।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर कच्छप ने बताया कि 289 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए
शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिली है। प्रति शौचालय 30 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की ।
ग्राम पंचायत के जरिये इनका निर्माण कराया जाएगा। कलेक्टर कहा प्रधानमंत्री मातृ वंदना
योजना के अंतर्गत प्रथम प्रसव पर महिलाओं को तीन किश्तों 5 हजार रूपये राशि प्रदान
जाती है। मुख्य रूप से यह शिशुवती माताओं के संतुलित भोजन के लिए होता है। उन्होंने कहा मैदानी कार्यकर्ता एवं मितानीन देखें कि इनका सही इस्तेमाल होने चाहिए। उन्होंने सेक्टर एवं ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के योजनाओं की गहन समीक्षा की। बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को शाबाशी देने के साथ लापरवाह किस्म के कर्मचारियों को फटकार भी लगाई।