भारतीय रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित करना शुरू कर दिया है22 जनवरी 2021 तक 157 किसान रेल सेवाएं संचालित की जा चुकी हैं, जो 49000 टन से अधिक माल की ढुलाई कर रही हैंकिसान रेल से फल एवं सब्ज़ियों की ढुलाई करने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है प्रविष्टि केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय रेलवे ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल सेवा शुरू कर दी
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किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केन्द्रों को बाज़ार और उपभोक्ता केन्द्रों से जोड़कर
कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है। हितधारकों से प्राप्त
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फीडबैक के आधार पर रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवा संचालित करना शुरू कर दिया
है।पहली किसान रेल सेवा को 07 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के
बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। और रास्ते में आने वाली किसी बाधा या देरी से बचाने के लिए
इनकी समय की पाबंदी के पैमाने पर कड़ी निगरानी की जाती है। अब तक 18 रूटों पर इन सेवाओं
की शुरुआत की जा चुकी है। रेलवे भण्डार (पार्सल वैन) का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के
लिए इन सेवाओं के बेहतर उपयोग की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।मुख्य रूप से जिन
वस्तुओं को किसान रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा उनमें प्याज़,
टमाटर, संतरा, आलू, अनार, केला, शरीफा, गाजर, शिमला मिर्च और अन्य सब्ज़ियां शामिल
कन्साइनर/किसान को अपने सामान की बुकिंग के समय पर ही दी जा रही है, ताकि ये लाभ किसी है,
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