केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज दिल्ली में कोविड-19 से जुड़े टीकाकरण के ड्राई रन ड्रिल की समीक्षा करने के लिए इस टीकाकरण अभ्यास के दो स्थलों का दौरा किया। उन्होंने पहले शाहदरा स्थित जीटीबी अस्पताल और बाद में दरियागंज के एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) का दौरा किया। वास्तविक टीकाकरण अभियान से पहले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज एंड-टू-एंड नियोजित संचालन और संभावित रूप से जल्द ही शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित तंत्र का परीक्षण करने के लिए 285 सत्र स्थलों पर एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन किया। देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी एवं ग्रामीण जिलों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए टीकाकरण अभियान के इस ड्राई रन को 125 जिलों में आयोजित किया गया। जीटीबी अस्पताल में की गयी तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने के प्रशिक्षण समेत इस टीकाकरण प्रक्रिया के पूरे अभियान को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। हरेक सूक्ष्म पहलू पर ध्यान देते हुए व्यापक विचार-विमर्श के बाद विभिन्न हितधारकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।”केन्द्रीय मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में इस विशालकाय अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया है, द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना की।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ई-वीआईएन प्लेटफॉर्म को रूपांतरित करके बनाया गया डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन वास्तव में एक बदलाव का वाहक साबित होगा और यह टीकों के स्टॉक एवं उनके भंडारण तापमान की वास्तविक जानकारी प्रदान करेगा और कोविड-19 के टीकों के लाभार्थियों की व्यक्तिगत निगरानी को संभव बनायेगा। यह अनूठा प्लेटफॉर्म पहले से पंजीकृत लाभार्थियों के लिए स्वचालित सत्र आवंटन, उनका सत्यापन और टीके से जुड़ी सारणी के सफल समापन पर एक डिजिटल प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में इस कार्यक्रम के प्रबंधकों की सभी स्तरों पर सहायता करेगा। उन्होंने बताया कि को-विन प्लेटफॉर्म पर अब तक 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है। देश के दूरदराज के कोने में भी टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने संबंधी तैयारियों के बारे में बोलते हुए,
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डॉ. वर्धन ने कहा कि अंतिम छोर तक टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश की कोल्ड चेन अवसंरचना को पर्याप्त रूप से उन्नत किया गया है। सीरिंज और अवसंरचना संबंधी अन्य सामग्रियों की भी पर्याप्त आपूर्ति की गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने नागरिकों को कोविड-19 के टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में अफवाहों और दुष्प्रचार अभियानों का शिकार नहीं होने के प्रति आगाह किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचारित टीके के दुष्प्रभावों के बारे में जनता के मन में संदेह पैदा करने वाली अफवाहों को सिरे से खारिज किया।
उन्होंने मीडिया से सावधानी बरतने, जिम्मेदारी भरा व्यवहार करने और किसी भी रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले सभी तथ्यों की जांच करने का आग्रह किया। व्यापक पैमाने पर इस किस्म का एक टीकाकरण अभियान शुरू करने की देश की क्षमता को लेकर जताये जा रहे संदेहों को खारिज करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कैसे भारत के पास टीकाकरण के संचालन का अद्वितीय अनुभव है और वह दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। उन्होंने कहा कि भारत की मजबूत व्यापक टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए दुनिया भर में सराहना की गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने पोलियो, रूबेला और चेचक के संबंध में कई सफल टीकाकरण अभियान चलाए हैं। उन्होंने नब्बे के दशक के शुरुआती दौर में करोड़ों भारतीयों को एकजुट करने के प्रयासों के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव को बताया, जिससे अंततः देश से पोलियो का उन्मूलन हुआ। उन्होंने कहा, “यह हमारी दृढ़ता और समर्पण का ही नतीजा है कि भारत को 2014 में पोलियो-मुक्त घोषित किया गया।
पोलियो टीकाकरण अभियान सहित पहले के टीकाकरण अभियानों के दौरान हमें मिले व्यापक सबकों का उपयोग हमारे वर्तमान देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान को निर्देशित करने में किया जा रहा है।”दरियागंज स्थित यूपीएचसी में, डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के टीके की सुरक्षा, प्रभावकारिता और प्रतिरक्षण क्षमता के बारे में अपने पहले के आश्वासनों को दोहराया। उन्होंने इस बात को दोहराया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के नेतृत्व वाली सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “मेरे पास 1994 के पोलियो उन्मूलन अभियान से जुड़े व्यापक व्यक्तिगत अनुभव हैं कि कैसे देश के लोगों ने कुछ अफवाह फैलाने वाले तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और बेबुनियाद खबरों के बजाय टीके के विज्ञान पर अपना भरोसा बनाये रखा”। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान के परिचालन की समूची योजना और आईटी प्लेटफॉर्म को चार राज्यों में 28 और 29 दिसंबर 2020 को परीक्षण किया गया है और उससे प्राप्त नतीजों के आधार पर इस प्रणाली में कुछ सुधार किए गए हैं। इस ड्राई-रन के संचालन के लिए राज्य और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 के टीकाकरण की शुरुआत करने के लिए निर्धारित व्यवस्था का परीक्षण करना है।
यह ड्राई रन इस अभ्यास के दौरान उभरी समस्याओं एवं चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए जिला और राज्य स्तर पर समीक्षा बैठकों के साथ समाप्त होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ अपनी प्रतिक्रियाओं और अनुभवों साझा करने का अनुरोध किया गया है, जिनका विश्लेषण अंतिम क्रियान्वयन के समय किसी भी गड़बड़ी को दूर करने तथा परिचालन संबंधी प्रक्रियाओं को और अधिक परिष्कृत बनाने के लिहाज से किया जाएगा। डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया भर में भारत के सक्रिय और बचाव के कदमों की सराहना की गई है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, भारत ने कारगर निगरानी और जांच को अपनाने की एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है जिसके कारण वह ठीक होने की उच्चतम दर और सबसे कम मृत्यु दर के मामले में दुनिया में अग्रणी रहा है। कोविड-19 के टीके का ड्राई रन पूरे देश में आयोजित किया गयाडॉ. हर्षवर्धन ने मॉक ड्रिल की समीक्षा करने के लिए जीटीबी अस्पताल, शाहदरा और यूपीएचसी, दरियागंज का दौरा कियाकेन्द्रीय मन्त्री ने देश को विश्वास दिलाया कि टीके की सुरक्षा,
प्रभावकारिता और प्रतिरक्षण क्षमता से कभी समझौता नहीं किया जाएगाउन्होंने लोगों को आगाह किया कि वे अफवाहों और अटकलों पर ध्यान न देंइस टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं: डॉ. हर्षवर्धनको-विन प्लेटफॉर्म एक बदलाव का वाहक साबित होगाप्रविष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज दिल्ली में कोविड-19 से जुड़े टीकाकरण के ड्राई रन ड्रिल की समीक्षा करने के लिए इस टीकाकरण अभ्यास के दो स्थलों का दौरा किया।उन्होंने पहले शाहदरा स्थित जीटीबी अस्पताल और बाद में दरियागंज के एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) का दौरा किया।वास्तविक टीकाकरण अभियान से पहले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज एंड-टू-एंड नियोजित संचालन और संभावित रूप से जल्द ही शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित तंत्र का परीक्षण करने के लिए 285 सत्र स्थलों पर एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन किया।देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी एवं ग्रामीण जिलों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए टीकाकरण अभियान के इस ड्राई रन को 125 जिलों में आयोजित किया गया।जीटीबी अस्पताल में की गयी तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने के प्रशिक्षण समेत इस टीकाकरण प्रक्रिया के पूरे अभियान को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। हरेक सूक्ष्म पहलू पर ध्यान देते हुए व्यापक विचार-विमर्श के बाद विभिन्न हितधारकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।”
केन्द्रीय मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में इस विशालकाय अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया है, द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना की।डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ई-वीआईएन प्लेटफॉर्म को रूपांतरित करके बनाया गया डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन वास्तव में एक बदलाव का वाहक साबित होगा और यह टीकों के स्टॉक एवं उनके भंडारण तापमान की वास्तविक जानकारी प्रदान करेगा और कोविड-19 के टीकों के लाभार्थियों की व्यक्तिगत निगरानी को संभव बनायेगा। यह अनूठा प्लेटफॉर्म पहले से पंजीकृत लाभार्थियों के लिए स्वचालित सत्र आवंटन, उनका सत्यापन और टीके से जुड़ी सारणी के सफल समापन पर एक डिजिटल प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में इस कार्यक्रम के प्रबंधकों की सभी स्तरों पर सहायता करेगा। उन्होंने बताया कि को-विन प्लेटफॉर्म पर अब तक 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है।देश के दूरदराज के कोने में भी टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने संबंधी तैयारियों के बारे में बोलते हुए,
डॉ. वर्धन ने कहा कि अंतिम छोर तक टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश की कोल्ड चेन अवसंरचना को पर्याप्त रूप से उन्नत किया गया है। सीरिंज और अवसंरचना संबंधी अन्य सामग्रियों की भी पर्याप्त आपूर्ति की गई है।डॉ. हर्षवर्धन ने नागरिकों को कोविड-19 के टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में अफवाहों और दुष्प्रचार अभियानों का शिकार नहीं होने के प्रति आगाह किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचारित टीके के दुष्प्रभावों के बारे में जनता के मन में संदेह पैदा करने वाली अफवाहों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने मीडिया से सावधानी बरतने, जिम्मेदारी भरा व्यवहार करने और किसी भी रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले सभी तथ्यों की जांच करने का आग्रह किया।व्यापक पैमाने पर इस किस्म का एक टीकाकरण अभियान शुरू करने की देश की क्षमता को लेकर जताये जा रहे संदेहों को खारिज करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कैसे भारत के पास टीकाकरण के संचालन का अद्वितीय अनुभव है और वह दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। उन्होंने कहा कि भारत की मजबूत व्यापक टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए दुनिया भर में सराहना की गई है।
उन्होंने कहा कि भारत ने पोलियो, रूबेला और चेचक के संबंध में कई सफल टीकाकरण अभियान चलाए हैं। उन्होंने नब्बे के दशक के शुरुआती दौर में करोड़ों भारतीयों को एकजुट करने के प्रयासों के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव को बताया, जिससे अंततः देश से पोलियो का उन्मूलन हुआ।उन्होंने कहा, “यह हमारी दृढ़ता और समर्पण का ही नतीजा है कि भारत को 2014 में पोलियो-मुक्त घोषित किया गया। पोलियो टीकाकरण अभियान सहित पहले के टीकाकरण अभियानों के दौरान हमें मिले व्यापक सबकों का उपयोग हमारे वर्तमान देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान को निर्देशित करने में किया जा रहा है।”दरियागंज स्थित यूपीएचसी में, डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के टीके की सुरक्षा, प्रभावकारिता और प्रतिरक्षण क्षमता के बारे में अपने पहले के आश्वासनों को दोहराया। उन्होंने इस बात को दोहराया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के नेतृत्व वाली सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “मेरे पास 1994 के पोलियो उन्मूलन अभियान से जुड़े व्यापक व्यक्तिगत अनुभव हैं कि कैसे देश के लोगों ने कुछ अफवाह फैलाने वाले तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और बेबुनियाद खबरों के बजाय टीके के विज्ञान पर अपना भरोसा बनाये रखा”।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान के परिचालन की समूची योजना और आईटी प्लेटफॉर्म को चार राज्यों में 28 और 29 दिसंबर 2020 को परीक्षण किया गया है
और उससे प्राप्त नतीजों के आधार पर इस प्रणाली में कुछ सुधार किए गए हैं। इस ड्राई-रन के संचालन के लिए राज्य और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 के टीकाकरण की शुरुआत करने के लिए निर्धारित व्यवस्था का परीक्षण करना है। यह ड्राई रन इस अभ्यास के दौरान उभरी समस्याओं एवं चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए जिला और राज्य स्तर पर समीक्षा बैठकों के साथ समाप्त होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ अपनी प्रतिक्रियाओं और अनुभवों साझा करने का अनुरोध किया गया है, जिनका विश्लेषण अंतिम क्रियान्वयन के समय किसी भी गड़बड़ी को दूर करने तथा परिचालन संबंधी प्रक्रियाओं को और अधिक परिष्कृत बनाने के लिहाज से किया जाएगा।डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया भर में भारत के सक्रिय और बचाव के कदमों की सराहना की गई है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, भारत ने कारगर निगरानी और जांच को अपनाने की एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है जिसके कारण वह ठीक होने की उच्चतम दर और सबसे कम मृत्यु दर के मामले में दुनिया में अग्रणी रहा है।