कलेक्टर एवं परिनिर्धारण आयुक्त कार्तिकेया गोयल ने अज्ञात वाहन की ठोकर से हुई मोटर दुर्घटना के लिए मोटरयान अधिनियम के टक्कर मारकर भागने संबंधी उपबंधों के अधीन मृतकों के परिजनों के लिए सोलेशियम फण्ड से प्रतिकर के रूप में 25-25 हजार रूपए स्वीकृत किया है।
इनमें जिला मुख्यालय महासमुन्द के ईमली भाठा निवासी प्रेमलाल सेन की मृत्यु 10 मार्च 2019 को साराडीह मोड़ पर सड़क दुर्घटना में हुई थी। इस पर उनके पिता सुन्दर लाल सेन के लिए प्रतिकर के रूप में 25 हजार रूपए स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार पिथौरा तहसील
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के ग्राम मोंहदा निवासी मंगल सिंह बरिहा की मृत्यु 13 दिसम्बर 2016 को ग्राम सिंघुपाली के पास नेशनल हाईवे 53 पर सड़क दुर्घटना में होने पर उनकी पत्नी सोनोबाई बरिहा को एवं ग्राम परसापाली निवासी भरत लाल ध्रुव की मृत्यु 22 नवम्बर 2015 को ग्राम टुरीडीह डबरी के पास नेशनल हाईवे 53 पर सड़क दुर्घटना में होने पर उनके पिता सुबेराम ध्रुव के लिए प्रतिकर के रूप में उन्हें 25-25 हजार रूपए स्वीकृत किया गया है।
{मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से योगिता सामान्य श्रेणी में आई : बच्ची और माता को एक साथ पौष्टिक आहार दी गई|}
मासूम योगिता बघेल गरीब परिवार में जन्मी है। मैनपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम काण्डेकेला में योगिता का जन्म 11 अगस्त 2019 को हुआ। जन्म के समय वह 03 किलो थी, यह बच्ची सामान्य श्रेणी में थी। जन्म के कुछ दिनों बाद ही वह काला क्षीर नामक बीमारी से ग्रसित हुआ जिसके चलते बच्ची कमजोर हो गई और उसके वजन लगातार गिरता चला गया। ऐसे में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से बच्ची को नई जिंदगी मिली। अभियान अंतर्गत माता और बच्ची को एक साथ पौष्टिक आहार दिया गया, जिससे बच्ची की स्वास्थ्य में सुधार आया और अब
वह खिलखिला रही है। जब महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक को यह बात पता चली तो वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ गृह भ्रमण पर गई। कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक दोनो ने मिलकर बालिका की मां को समझाईश दी कि आपके बच्चे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। क्यांेकि प्रचलन और परम्परा के कारण बच्चे के माता पिता काला क्षीर नामक बीमारी का इलाज रूढ़ीवादी तरीके से करवा रहे थे। समझाईश देने के बाद बच्चे की मां एवं उनके परिवार को अच्छे और पौष्टिक खाना खाने सलाह दी गई। खासकर उनकी मां को पौष्टिक आहार की आवश्यकता थी।
उन्हें बताया गया कि बच्चे को निरन्तर स्तनपान कराती रहे तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजने समझाईश के बाद बच्चे के माता पिता ने बताई गई बातों का अनुश्रवण किया । बालिका और उसकी मां 15 अक्टूबर 2019 को पोषण पुर्नवास केन्द्र में 15 दिन तक रहकर घर वापस आई। बच्ची का वजन तो बढ़ गया था किन्तु फिर भी वह बहुत कमजोर थी। फरवरी 2020 में बच्ची का अन्नप्राशन किया गया।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत बच्चे की मां को पौष्टिक बिस्किट व चिक्की दिया जाता था अब वह बच्ची को दिया जाने लगा। बच्ची को मशल कर भोजन कराते समय उसके भोजन में घी भी दिया गया इसी बीच जिला व ब्लाक समन्वयक प्रदीप कुमार सेन व इन्द्रकुमार साहू बच्ची को देखने आये और उनके माता पिता को खान पान के बारे मे विस्तार से बताये। जिला समन्वयक द्वारा बच्चे को खिलाने हेतु एक महीने के लिए अपने खर्च पर अण्डा खरीद कर दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा नियमित माॅनिटर्रिंग की गई। कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक द्वारा बच्चे के घर पर निरन्तर गृहभेंट किया गया व नियमित वजन निगरानी की गई। माह अगस्त 2020 में बच्ची का वजन 7.500 ग्राम हो गया था। श्रेणी निर्धारण पर पता चला की बच्ची अब सामान्य श्रेणी में आ गई है। इस तरह मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से न केवल बच्ची का वजन बढ़ा बल्कि उनका स्वास्थ्य अच्छा हो गया।