दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए रखे प्रस्ताव

केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड की मीटिंग में समाज कल्याण मंत्री भेंड़िया ने छत्तसीगढ़ में दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए रखे कई प्रस्ताव

समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया गुरूवार को केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित दिव्यांगता पर केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड की ऑलाइन बैठक में राजधानी रायपुर से शामिल हुंईं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों के पुनर्वास और कल्याण संबंधी

कई प्रस्ताव केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड के समक्ष रखे। उन्होंने बोर्ड के समक्ष छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों के लिए जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र, राष्ट्रीय सहायक उपकरण केन्द्र, मानसिक

यह भी पढे = केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किया आदेश जारी लॉक डाउन से संबंधित

रोगियों के पुनर्वास के लिए संस्था की स्थापना और नेशनल हैण्डीकैप्ड फाइनेंस एवं डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन को दिव्यांगों के लिए पुनः राशि प्रदान करने हेतु निर्देशित किये जाने

की मांग की। बैठक में दिव्यांगों के अधिकार,पुनर्वास, स्वास्थ्य, सतत शिक्षा,वित्तीय सहायता,सुगम्य भारत अभियान के तहत भवनों को सुविधाजनक बनाने, दिव्यांगों

के लिए यंत्रों और उपकरणों की उपलब्धता सहित राज्यों द्वारा किये गए विशेष प्रयासों पर चर्चा की गई। भेंड़िया ने बोर्ड से कहा कि केन्द्रीय सामाजिक

न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिला दिव्यांगजन पुनर्वास योजना के तहत राज्य से 18 प्रस्ताव केन्द्र सरकार

को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं,जिन पर स्वीकृति दी जानी है। दिव्यांगजनों के लिए जिला स्तर पर उनके चिन्हांकन से लेकर उनकों सेवाएं प्रदान करने के लिए यह केन्द्र बहुत

आवश्यक हैं। इन केन्द्रों की स्वीकृति मिल जाने पर राज्य सरकार द्वारा तत्काल केन्द्र प्रारंभ कर दिये जाएंगे। मंत्री भेंड़िया ने बताया कि कि राज्य सरकार दिव्यांगजन के हितों

के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी सेवा में अब दिव्यांगजन की भागीदारी बढ़ने लगी है। पिछले वर्षों में 11 से अधिक पदों में दिव्यांगजनों की भर्ती की गई है।

छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को मुख्य धारा में शामिल करने और उनके स्वावलंबन के लिए ऋण प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम की

स्थापना की गई है। निगम द्वारा दिव्यांगजनों को ऋण प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 के कारण दिव्यांगजनों द्वारा ऋण वापिस करने में कठिनाई आ

रही हैं। निगम में विगत 2 वर्षों से नेशनल हैण्डीकैप्ड फाइनेंस एवं डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन, नई दिल्ली द्वारा व्यवसाय हेतु प्रतिबंधों के फलस्वरूप दिव्यांगजनों को आर्थिक

पुनर्वास हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। इस हेतु नेशनल हैण्डीकैप्ड फाईनेंस एवं डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन को पर्याप्त बैंक गारंटी दी गई है। भेंड़िया ने अनुरोध

किया कि नेशनल हैण्डीकैप्ड फाइनेंस एवं डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन को राज्य के दिव्यांगजनों के लिए राशि प्रदान करने हेतु निर्देशित किया जाए, ताकि दिव्यांगजनों को उनके आर्थिक पुनर्वास से जोड़ा जा सके। ड़िया ने राज्य में राष्ट्रीय सहायक उपकरण केन्द्र की स्थापना के लिए आवश्यक सहयोग की मांग की। उन्होंने बताया कि पूर्व में इसके लिए मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। केन्द्र की स्थापना से दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता और रूचि के अनुसार उपकरण उपलब्ध हो सकेंगे। राज्य सरकार इस हेतु आवश्यक कार्यवाही कर रही है। उन्होंने राज्य में मानसिक रोगियों के पुनर्वास हेतु राष्ट्रीय संस्था के लिए भी प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में सहायता प्राप्त होने पर राज्य सरकार भूमि की व्यवस्था करेगी।

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