खनिज संपदा प्रदेश विकास का जरिया

छत्तीसगढ़ की खनिज सम्पदा प्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों की आर्थिक उन्नति का जरिया बने : भूपेश बघेल

19 नवम्बर 2020

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को प्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों की आर्थिक उन्नति विकास का जरिया बनाने की एक बड़ी जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम की है।

खनिज विकास निगम का यह प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश में खनिज आधारित वैल्यू एडिशन के अधिक से अधिक उद्योग लगें,

जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि हो और साथ ही लगने वाले नए उद्योगों में लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलें। मुख्यमंत्री बघेल आज नवा रायपुर के सेक्टर-24 

में छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के नए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

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वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल,

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, विधायक धनेन्द्र साहू, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा नए उद्योगों की स्थापना के लिए 50 से ज्यादा एम.ओ.यू. किए गए हैं,

जिनके माध्यम से प्रदेश में लगभग 45 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा। सीएमडीसी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी कि वह खनिज आधारित उद्योगों को रॉ-मटेरियल की

आपूर्ति लगातार कुशलता के साथ करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी ने हमें बहुत कुछ दिया है। छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से परिपूर्ण है।

अब हमारी जिम्मेदारी है की इस खनिज संपदा का लाभ प्रदेश के 2 करोड़ 80 लाख लोगों तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने लौह अयस्क की आरीडोंगरी परियोजना

का उल्लेख करते हुए कहा कि सीएमडीसी यह प्रयास करे कि यहां से निकलने वाले लौह अयस्क से पैलेट बनाने का काम हो, वेल्यु एडिशन से राज्य के राजस्व में वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री ने सीएमडीसी की नई परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बैलाडीला के डिपॉजिट 4 और डिपाजिट 13 के कार्य में प्रगति लाने,

नए कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए प्रयास करने और टिन अयस्क के संग्रहण के नए क्षेत्रों की खोज का काम में तेजी लाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि सरगुजा क्षेत्र में एल्युमीनियम प्लांट के लिए एक एमओयू किया गया है, बहुत ही जल्द इसका कार्य शुरू होगा। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रचुर

मात्रा में कोयला, लौह अयस्क, डोलोमाइट, चूना पत्थर, हीरा, यूरेनियम जैसे खनिज पाए जाते हैं। इस सम्पदा का सदुपयोग प्रदेश के विकास में किया जाना चाहिए।

बघेल ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद डीएमएफ मद से खदान क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए गए।

बस्तर क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए गए। पहले बस्तर के विधायक डॉक्टर और मास्टर की मांग करते थे, लेकिन अब ऐसी मांगे आना बंद हो गई है।

उन्होंने कहा कि सुकमा जिले में 13 वर्षों से बंद 105 स्कूल पुनः प्रारंभ किए गए, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के माध्यम से  13.87 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से

बाहर हुए, यह एक रिकॉर्ड है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हाट बाजार क्लीनिक जैसी योजनाएं प्रारंभ हुई, बस्तर इलाके में डॉक्टरों की नियुक्ति का कार्य किया गया

आज जगदलपुर में 22 डॉक्टर हैं जबकि बीजापुर जैसे दूरस्थ जिले में 26 डॉक्टर काम कर रहे हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का यह परिणाम रहा कि पिछले वर्ष 200

प्रतिशत बारिश के बाद भी बस्तर क्षेत्र में डायरिया या उल्टी-दस्त से एक भी मृत्यु का मामला सामने नहीं आया। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने जो खनिज सम्पदा दी है। उसे देखते हुए छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम में काम करने की काफी गुंजाईश है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि खनिज विकास निगम प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीएमडीसी छत्तीसगढ़ के विकास में खनिज संसाधनों का सदुपयोग करने का हरसंभव प्रयास करेगा। सीएमडीसी का यह प्रयास होगा कि खनिज आधारित उद्योगों को कच्चे माल की सुचारू आपूर्ति हो और उद्योगों में लोगों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिले। उन्होंने कहा कि सीएमडीसी गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना साकार करने के लिए राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य करेगा। खनिज साधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने कहा कि खनिजों के उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के प्रबंध संचालक समीर विश्नोई ने खनिज विकास निगम का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए निगम की परियोजनाओं की जानकारी दी।

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