(प्रदेश):- कोरोना संक्रमित लेकिन बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस आइसोलेशन अवधि में मरीजो के समुचित उपचार के साथ ही उनका मनोबल भी उंचा रखना जरूरी होता है। रायपुर जिले का होम आइसोलेशन सिस्टम यह काम बखूबी कर रहा है और यह दूसरों के लिए माॅडल साबित हो रहा है। जिले के एडीएम विनीत नन्दनवार के मार्गदर्शन में रायपुर जिला कलेक्टोरेट में बनाए गए होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम जो कि 24×7 संचालित है में हर समय गहमा गहमी रहती।
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शुरूआत बिना लक्षण वाले मरीजों के पाजिटिव चिन्हांकन होने के बाद उन्हें होम आइसोलेशन एप के जरिये ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद नोडल अधिकारियों के माध्यम से घर तक दवाइयां पहुचाने से होती है।
काउंसलर मरीजों को समय पर फोन करते हैं,उनकी तबीयत जानने के लिए और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए भी असिस्टेंट नोडल अधिकारियों डॉ अंजलि शर्मा, नोविता सिन्हा, चंद्रकांत राही के माध्यम से मरीजों को
हॉस्पिटल या कोविड केअर सेन्टर भेजा जाता है ऐसे मामलों में लगातार जोन,ब्लॉक और जनपद में नियुक्त किये गए चिकित्सकों को ऑनलाइन कंसल्टेशन की जिम्मेदारी दी गयी है और आपात स्थिति में रिस्पांस टीम की त्वरित तैयारी की वजह से रायपुर में होम आइसोलेशन मैनेजमेंट का माडल सफल हो रहा है। अब तक रायपुर जिले में 14602 मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है। इसमें से 12171 होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर स्वस्थ हो गए हैं। मरीजों का पल्स, तापमान, ऑक्सिजन लेवल, डॉक्टर से हो रही काउंसेलिंग आदि के बारे में जानकारी मांगी जाती हैं एवं उनके द्वारा बतायी गयी समस्या का निराकरण किया जाता है। राजस्व निरीक्षकों की टीम भी 24 घंटे कंट्रोल रूम में मुस्तैदी से किसी भी समस्या के शीघ्र निराकरण के लिए सहयोग करती है।