महासमुंद:- मनुष्य की सोच ही सबसे बड़ी होती है। वह किस चीज को कैसे देखता है यह उसकी सोच पर ही निर्भर करता है। यह उसकी भावना ही है जो उसे किसी काम को करने के लिए प्रेरित करता है। अगर सोच सही है तो व्यक्ति अंधेरे में भी उजाले को ढूंढ़ ही लेता है। आमतौर पर हम यही सोचते हैं कि पुलिस या कानूनी पचड़े में पड़ने से व्यक्ति की जिंदगी खत्म हो जाती है। उसका कैरियर खत्म हो जाता है और वह आगे कुछ करने लायक नहीं रहता है। इंसान की यही सोच उसे डिप्रेशन का शिकार बना देती है और उसे लगता है कि उसकी जिंदगी में अब और कुछ भी नहीं बचा है।
आज हम आपको एक ऐसे व्यक्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जेल में कैद होने के बावजूद कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसके बारे में साहस जुटा पाना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। दरअसल, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा 9 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाली है। छत्तीसगढ़ के जेल महासमुंद में निरूद्ध 4 बंदी कैद में हैं। ये बंदी अलग-अलग धाराओं में निरूद्ध आरोप लगे हैं।
गौरीशांकर पिता सुरीतराम किशनुपर थाना पिथौरा आरोप 302, खेमराज पिता भोलाराम ग्राम सम्हर थाना बागबाहरा आरोप 420, लेकेश्वर पिता मानसिंग टेडीनारा थाना बागबाहरा आरोप 376, चमन पिता बिसहत अमोदी थाना आरंग आरोप 302 जो लोक सेवा आयोग के परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं।
जहां राह है वहां चाह है। यह साबित होगया