राजगढ़ :- बीजेपी के चार दिग्गज नेताओं ने राजगढ़ में कलेक्टर पर चौतरफा वार किया है। इस दौरान बीजेपी नेताओं ने मर्यादा भी लांघी है। जिसकी वजह से इनकी किरकिरी हो रही है। पूर्व मंत्री से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक ने महिला अधिकारियों पर ओछी टिप्पणी की है। बीजेपी कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारने वाली दोनों लेडी अफसरों पर गोपाल भार्गव ने विवादित टिप्पणी की है।दरअसल, सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली के दौरान राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने थप्पड़ मारे थे। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के साथ बदसलूकी भी की थी। बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रिया वर्मा के चोटी खींचे थे। लेकिन बीजेपी अफसरों के थप्पड़ कांड से तिलमिला गई। उसके बाद कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने बुधवार को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, अध्यक्ष राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय और गोपाल भार्गव राजगढ़ पहुंच गए।क्या कर रही थी पुलिस:-मंच से रैली को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर पर हमलावर नजर आए। इस दौरान वह ऐसी बात बोल गए जिस पर विवाद शुरू हो गए। गोपाल भार्गव ने कहा कि यह भारत माता और तिरंगे झंडे का अपमान हुआ है। मैं पूछना चाहता हूं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के सिर फोड़ने की आवश्यकता क्या थी। वहां मौजूद पुलिस क्या कर रही थी। पुलिस क्या किसी चीज को संभालने में अक्षम है। यह अधिकारियों को बताना चाहिए।संविधान नहीं होता तो घर में रोटी बेलती:-वहीं, गोपाल भार्गव ने कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर पर बरसते हुए कहा कि अरे मैडम, जिस संविधान के अंदर तुम्हारी यूपीएससी से नियुक्ति हुई है और दूसरी उनकी जूनियर मैडम, वो भी बहुत गर्मी दिखा रही थीं। उसी संविधान के लिए संविधान के अंतर्गत हमारे कार्यकर्ता वहां रैली निकाल रहे थे। यदि भारत का संविधान नहीं होता तो तुम कहीं रोटी बना रही होती और चूल्हा-चौकी फूंकती।गोपाल भार्गव ने कहा कि शासकीय सेवा में अगर कोई व्यक्ति आ जाता है तो वह किसी जाति, धर्म या पार्टी का नहीं होता। वह तो सिर्फ अधिकारी होता है। उन्हें किसी को मारने का अधिकारी नहीं होता है। कलेक्टर क्या चीफ मिनिस्टर और प्राइम मिनिस्टर भी किसी को थप्पड़ नहीं मार सकते। वहीं, कांग्रेस अब गोपाल भार्गव के इस बयान की निंदा कर रही है।