नई दिल्ली:- एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया। बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी और जॉइंट वेंचर एआईएसएटीएस में 50 फीसदी शेयर बेचेगी। इसके लिए 17 मार्च तक बोलियां मांगी गई हैं। हालांकि अभी तक केवल दो कंपनियों ने एयर इंडिया को खरीदने की रुचि दिखाई है, जिसमें ब्रिटेन का हिंदुजा समूह भी शामिल हैं।
एयर इंडिया रणनीतिक विनिवेश के रूप में अपनी सब्सिडियरी यूनिट एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी और ज्वाइंट वेंचर एयर इंडिया एसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचेगी। साथ ही, एयरलाइन का मैनेजमेंट कंट्रोल भी खरीददार को सौंपा जाएगा। सात जनवरी को मंत्री समूह ने विनिवेश की बोली लगाने के लिए रुचि पत्र (ईओआई) और शेयर खरीद-बिक्री समझौते को भी मंजूरी प्रदान की।
इस दौरान कंपनी के शत प्रतिशत शेयर बेचने के लिए एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म या मंत्रियों के समूह ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी। इसमें एयर इंडिया के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और इसके संयुक्त उपक्रम एआई सेट्स में हिस्सेदारी की मंजूरी भी शामिल थी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मार्च, 2020 तक यह विनिवेश पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
करीब 58 हजार करोड़ के कर्ज में दबी एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ है। एयर इंडिया को ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और विदेशी मुद्रा में घाटे के चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
इन हालातों में एयर इंडिया तेल कंपनियों को ईंधन का बकाया नहीं दे पा रही है। हाल ही में तेल कंपनियों ने ईंधन सप्लाई रोकने की भी धमकी दी थी। लेकिन फिर सरकार के हस्तक्षेप से ईंधन की सप्लाई को दोबारा शुरू कर दिया गया था। केंद्र सरकार, एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है।
पहले से है इतना घाटा
तीन सालों के दौरान एयर इंडिया का घाटा सबसे शीर्ष पर रहा। कंपनी की नेटवर्थ माइनस में 24,893 करोड़ रुपये रही, वहीं नुकसान 53,914 करोड़ रुपये का रहा। भारी उद्योग मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने कहा कि पीएसयू विभाग ने रिवाइवल और रिस्ट्रक्चरिंग पर जोर दिया है। सरकार अपनी तरफ से ऐसी कंपनियों में फिर से पैसा कमाने के नए तरीकों पर काम कर रही है।
कंपनी के चेयरमैन ने दिया था ये बयान
हाल ही में कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने कहा है कि एयर इंडिया के बंद होने की खबरें आधारहीन हैं। उन्होंने कहा था कि एयर इंडिया पहले की ही तरह उड़ान भरती रहेगी और भविष्य में विस्तार भी करेगी। लोहानी ने भरोसा जताया कि यात्रियों, कॉर्पोरेट्स और एजेंटों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय विमानन कंपनी अभी भी देश की सबसे बड़ी कंपनी है।
हिंदुजा समूह खरीद सकता है हिस्सेदारी
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को खरीदने के लिए देश के दिग्गज औद्योगिक घराने हिन्दुजा ग्रुप और अमेरिकी फंड इंटरअप्स ने अपनी इच्छा जताई है। हिन्दुजा ग्रुप पहले कर्ज के बोझ दबी निजी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज की खरीदना चाहता था। लेकिन एयर इंडिया को बेहतर अवसर मानते हुए ग्रुप ने जेट एयरवेज के लिए औपचारिक निविदा जमा नहीं की। इस मामले से वाकिफ एक सूत्र के हवाले से बिजनेस स्टेंडर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हम एयर इंडिया के बारे में विचार कर रहे हैं। निविदा पत्र सामने आने का बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
इंटरअप्स के चेयरमैन और चीफ बिजनेस आर्किटेक्ट लक्ष्मी प्रसाद का कहना है कि हमने मंत्रालय के साथ बातचीत शुरू कर दी है और हमारे सीईओ लुईस जोन्स अगले सप्ताह भारत दौरे पर आएंगे। प्रसाद का कहना है कि इस सौदे में मैंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) एसेट को शामिल नहीं करना एक प्रमुख मुद्दा है।