सिंधिया को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

ग्वालियर:- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश में जिस अंदाज में दस्तक दिए हैं, उसे देख कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भोपाल में दिन रहने के बाद अपनों के साथ-साथ सिंधिया ने इस बार विरोधी गुट के लोगों को भी साधा है। उनके साथ भी खूब वक्त बताए हैं। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद सिंधिया को जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। उनके गुट के एक मंत्री ने यह मांग भी रख दी है।दरअसल, मध्यप्रदेश की राजनीति में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद से ही सिंधिया एक पहेली बने हुए हैं। प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं को लेकर होती है। महाराज खुलकर को तो नहीं बोलते लेकिन इशारों-इशारों में दिल में दफन दर्द को बयां कर देते हैं। इस बार के भोपाल दौरे के दौरान वह काफी रंग में दिखे। चेहरे पर एक अलग चमक दिखाई दी। अपनों को डिनर के जरिए साधा तो विरोधियों को ब्रेकफास्ट पर। ऐसे में सिंधिया का यह अंदाज मध्यप्रदेश में नए सियासी संकेत की ओर इशारा कर रहे हैं।सोनिया गांधी से मिलकर एमपी आए हैं महाराज:-मध्यप्रदेश दौरे से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। आधे घंटे तक दोनों में बात हुई लेकिन क्या बात हुई किसी को पता नहीं। लेकिन सात महीने बाद भोपाल स्थित कांग्रेस दफ्तर में पहुंते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जता दिया है कि जल्द ही कुछ अच्छा होने वाला है। हालांकि राज्यसभा जाने और प्रदेश अध्यक्ष के सवाल पर वह चुप रहे।दूसरे गुट के लोग भी नजर आए:-सिंधिया ने गुरुवार को अपने खेमे के मंत्री गोविंद सिंर राजपूत के घर डिनर डिप्लोमेसी में शामिल हुए। सुबह ब्रेकफास्ट के लिए कमलनाथ गुट के मंत्री सुखदेव पांसे के घर पहुंच गए। वहां डाइनिंग टेबल पर जीतू पटवारी भी नजर आए। वहां से सिँधिया जब पीसीसी दफ्तर पहुंचे तो दोनों साथ में वहां भी पहुंचे। पटवारी ने कहा कि वह हमारे पार्टी के नेता हैं। हम सभी साथ-साथ आगे बढ़ेंगे।वहीं, सुखदेव पांसे ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पारिवारिक रिश्तों की वजह से हमारे घर आए। इसके कोई भी राजनीतिक मायने नहीं हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमारे नेताओं की एकजुटता की वजह से प्रदेश में सरकार बनी है। हमने कई लोक कल्याणकारी निर्णय भी लिए हैं।महाराज से अच्छा कोई विकल्प नहीं:-मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सिंधिया को दूसरे गुट के लोगों के घर जाने पर कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया हमेशा मध्यप्रदेश में सक्रिय रहते हैं। यह कोई कुटनीतिक दौरा नहीं है। वहीं, उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनाना हाईकमान का काम है। लेकिन वह इशारों-इशारों में यह जरूर संदेश देेते नजर आए कि उनसे अच्छा कोई विकल्प नहीं हो सकता।

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