पत्र में लेख है कि मैं देवेंद्र नेताम तहसीलदार आम नेताम जाति गौड़ ग्राम कर वाली पोस्ट रानी परतेवा तहसील छुरा जिला गरियाबंद का निवासी हूं वर्तमान में तहसील महासमुंद जिला महासमुंद में नयाब-तहसीलदार के पद पर पदस्थ हूं आज दिनांक २६ दिसंबर को दोपहर लगभग १२.३० बजे मोहन चन्द्राकर निवासी ग्राम बेमचा तहसील व जिला महासमुंद द्वारा मेरे न्यायालय में आकर गाली-गलौज चिल्लाना शुरू कर दिया इस दौरान मैं तहसील कार्यालय के कानूनगो शाखा में अन्य कार्यालय कार्य कर रहा था
अनुविभागीय कार्यालय राजस्व में पदस्थ नायब तहसीलदार द्वारा सिटी कोतवाली में मोहन चन्द्राकर ग्राम बेमचा निवासी द्वारा कार्यालय में गाली-गलौज करने व जान से मारने की धमकी देने पर उसके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई है
जोर-जोर से आवाज सुनते ही मैं अपने न्यायालय में पहुंचा पहुंचते ही उनसे आग्रह किया किया यह न्यायालय है और न्यायालय की अपनी गरिमा है शांतिपूर्वक बात करने का आग्रह किया गया किंतु उनके द्वारा गाली-गलौज करते हुए चिल्लाए जा रहा था. एसडीएम में मामला चल रहा है जिससे उनका काम नहीं हुआ है और वह बोल रहा था मेरे जैसे आदमी का काम नहीं हो रहा है तो इन छोटे-छोटे लोगों का काम कहां से होगा ऐसा कहकर गाली सूचक कहते हुए अपशब्द का प्रयोग किया गया .
मेरे द्वारा मोहन चन्द्राकर को बार-बार शांत रहने के लिए समझाया गया एवं मना भी किया गया किंतु उनके द्वारा न्यायालय में उपस्थित महिला पुरुष कर्मचारियों तथा अन्य उपस्थित लोगों के सामने गाली गलौज दिया जा रहा था उनके द्वारा लगभग ३० मिनट तक कार्यालय परिसर तथा न्यायालय के भीतर भी गाली गलौज किया जा रहा था इस प्रकार मोहन चन्द्राकर निवासी ग्राम बेमचा द्वारा तहसील कार्यालय परिसर में घुसकर दादागिरी पूर्वक जातिसूचक गंदी गंदी गालियां एवं धमकी देते हुए कार्य में बाधा एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित अन्य लोगों के मध्य गाली देकर अपमानित किया गया है.
मुझे अनुसूचित जनजाति वर्ग से होने के कारण दवा पूर्वक कार्य हेतु गाली गलौज करते हुए अपमानित किया है जिस प्रकार उनके द्वारा जान से मारने की धमकी दिया है जिससे मैं अधिक भयभीत हूं इस आशय की सूचना कलेक्टर महासमुंद पुलिस अधीक्षक ,विभागीय अधिकारी राजस्व एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अज-अजजा थाना महासमुंद एवं तहसीलदार को सूचना दी गई है
वही सिटी कोतवाली द्वारा इस मामले में प्राथमिक सुचना रिपोर्ट क्रमांक ०४९८ के तहत २९४,५०६,१८६ भादवि धारा के तहत अपराध पंजीबध्द किया है.