कोरबा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जाएगा सरकार के इस घोषणा से एनटीपीसी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी और बालको और लैंको पावर प्लांट पर खतरा मंडराने लगा है। नासा ने अपने हाल ही के रिपोर्ट में कोरबा को दुनिया के प्रदूषित शहर की रैंकिंग में शामिल किया था, इस रैकिंग से साफ हो गया है कि कोरबा जिले की हवा जहरिली हो गई है प्रदूषण का मुख्य कारण थर्मल पावर प्लांट में कोयला दहन और राखड़ का उत्सर्जन है।
सरकार ने 10 लाख आबादी वाले सिटी में हवा की खराबी दूर करने के लिए 44100 करोड रुपए का प्रावधान रखा है लेकिन शहर की आबादी 3.30 लाख है, इस स्थिति में केंद्र सरकार के बजट में प्रदुषण मुक्ति करने का लाभ कोरबा सिटी को नहीं मिल पायेगा हालांकि दूसरी ऒर जिले की पूरी आबादी 1100000 से भी अधिक है।
भारतीय मजदूर संघ के पर्यावरण विंग के राष्ट्रीय संयोजक लक्ष्मण चंद्रा ने बताया कि कोरबा के सभी पावर प्लांट थर्मल पर आधारित है साथ ही प्रदूषण के मुख्य कारण बने हुए हैं और ताप विद्युत संयंत्र को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है पावर थर्मल भी बंद होंगे, इसकी वजह यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयला से निकेने वाले कार्बन से होने वाली प्रदूषण है इस वजह से थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जाना अनिवार्य है।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल पावर प्लांट बंद होंगे तो खदानों से उत्पादित कोयले का उपभोक्ता कौन होगा कोरबा के विभिन्न खदानों से सालाना 123 मिलियन टन कोयला उत्पादन होता है, केंद्र सरकार के निर्णय अमल में आने से विभागीय और ठेका कर्मी जिनकी संख्या कोरबा में 60000 भी अधिक है वह सभी बेरोजगार हो जाएंगे
बजट में कोरबा सहींत सरे थर्मलपावर प्लांट बंद होंगे
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