M.P विधानसभा में उठा बेरोजगारी मुद्दा 20साल में आंकड़ा झकझोर करने वाला

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा में बेरोज़गारों से पटवारी परीक्षा में किस तरह से परीक्षाएं हो रही हैं, यह किसी से छुपा नहीं हैं : इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में रामनिवाश रावत ने उठाया

(प्रदेश M.P) :- M.P विधानसभा में उठा बेरोजगारी मुद्दा 20साल में आंकड़ा झकझोर करने वाला मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति चिंहित हो रही है,जैसा कि MP रोजगार पोर्टल के आंकड़े से प्रकट हो रहा है। इस पोर्टल पर 37 लाख 80 हज़ार 679 शिक्षित युवा बेरोजगार हैं, जबकि 1 लाख 12470 अशिक्षित आवेदनों का पंजीयन जीवित है।

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इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति के बावजूद, भाजपा सरकार

यह वीडियो भी देखें = https://youtu.be/S7tW4BzxOVs

के 20 सालों के शासन के दौरान रोजगार कार्यालयों के

माध्यम से सिर्फ 21 लोगों को मात्र रोजगार प्राप्त हुआ है,

जो एक चिंह हो सकता है कि सरकार ने बेरोजगारी के समाधान

के लिए कुशल योजनाएं नहीं बनाई हैं। गंभीर समस्या को

दर्शाता है। बीते 20 सालों में भाजपा सरकार के दौरान, रोज़गार

कार्यालयों के माध्यम से केवल 21 लोगों को रोज़गार

मिलना गंभीर समस्या को दर्शाता है।

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा में बेरोजगारों का करोड़ों रुपए लगा उसका उल्लेख है,जो स्थिति को और भी गंभीर बनाता है। विधानसभा सत्र में, रामनिवास रावत ने पटवारी परीक्षा के मामूले से बाहरी तरीके से प्रतियोगिता की जा रही है और इसमें किसी भ्रष्टाचार की आशंका को भी उठाया है। विधानसभा सत्र में, रामनिवाश रावत ने पटवारी परीक्षा में किस तरह से परीक्षाएं हो रही हैं, यह किसी से छुपा नहीं है। इससे साफ होता है कि बेरोजगारी और रोजगार संबंधित मुद्दों पर विधायक चिंतित हैं और सरकार से इस पर गंभीरता से नजर डालने की मांग कर रहे हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि राज्य के युवा शिक्षित और अशिक्षित बेरोजगारों को सही रोज़गार की संभावना हो सके और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी कठोर कदम उठाए जा सकें।

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