(Himachal full of rain देश) :- हिमाचल प्रदेश में शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में हाल ही में बादल फटने और भारी वर्षा के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गई है और कई लोग लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य में भय और चिंता का माहौल बना दिया है। राहुल गाँधी हिमांचल में प्रकृतिक आपदा से हुई जन+धन और हुई मृत्यु लापता हुये लोगो के लिये गहरी संवेदना व्यक्त कर मुख्यमंत्री सुक्खू को तत्काल प्रभाव से स्थिति का जाएजा लेकर राहत बचाव टीम भेजने को कहा ने बताया कि वे स्वयं इन घटनास्थलों पर जाकर स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों ने भी इस संकट की घड़ी में तेजी से राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
हादसे में अब तक 50 लोग लापता हैं बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से
कई सड़के बंद है जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम के लिए मौके पर पहुंचना बड़ी
चुनौती है भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ
जिले से बॉस्केटबॉल अकादमी कोरबा में 5 खिलाड़ियों का चयन हर्ष का विषय
रहे हिमाचल प्रदेश में अब भूकंप के झटके लगे हैं मुख्यमंत्री सुक्खू ने लोगों से अपील
की है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी
आश्वासन दिया है कि सभी लापता लोगों की जल्द से जल्द खोजबीन की जाएगी और
जो लोग प्रभावित हुए हैं, पहले से प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में अब
भूकंप के झटके लगे हैं लाहौल स्पीति में ये भूकंप के झटके महसूस किए रिक्टर स्केल
पर इसकी तीव्रता 3.2 की रही इसमें किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है
हिमाचल में बादल फटने के साथ मौत का सैलाब आया है
शिमला, मंडी और कूल्लू, तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई हादसे में अब तक 50 लोग लापता हैं बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़के बंद है उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार ने राहत शिविरों की व्यवस्था की है और प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासन की तत्परता और प्रतिबद्धता ने यह दर्शाया है कि वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि जनजीवन को सामान्य किया जा सके और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। आपदा प्रबंधन की तैयारियों और त्वरित कार्यवाही से कई जानें बचाई जा सकी हैं, लेकिन अभी भी कई चुनौतियाँ सामने हैं जिन्हें दूर करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।