प्रदेश में शिशुओं की मृत्यु पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा चिंताजनक

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने इन घटनाओं पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सघन जांच की मांग की है।

टीकाकरण

(death of infants in the state is worrying छत्तीसगढ़) :- प्रदेश में बिलासपुर के बाद अब सरगुजा में टीकाकरण के उपरांत नन्हें शिशु की मृत्यु की घटना बहुत दुखद, बेहद गंभीर और चिंताजनक है। वैक्सीन के एक बैच में गड़बड़ी की आशंका है, जो बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। छत्तीसगढ़ में हाल ही में टीकाकरण के बाद शिशुओं की मृत्यु के कई मामलों ने गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है। यह घटनाएँ राज्य के स्वास्थ्य तंत्र और वैक्सीनेशन प्रक्रिया की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने इन घटनाओं पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सघन जांच की मांग की है। उन्होंने वैक्सीन के बैच में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है और सरकार से अपेक्षा की है कि इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया जाए।

टीएस सिंह देव ने कहा कि

कहा कि यह मामला बेहद चिंताजनक है और इस प्रकार की घटनाएँ नहीं होनी चाहिए। सरकार को तत्काल वैक्सीन के संबंधित बैच की गहन जांच करानी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन मौतों का वास्तविक कारण क्या है। साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए वैक्सीनेशन प्रक्रिया में और भी सख्त निगरानी और प्रोटोकॉल की आवश्यकता है।

छत्तीसगढ़ सरकार

स्वास्थ्य विभाग ने भी इन घटनाओं का संज्ञान लिया है

जिले में कलेक्टर आदेश से तहसीलदारों के क्षेत्रीय प्रभार में परिवर्तन किया गया

और विशेषज्ञों की एक टीम मामले की जांच कर रही है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि शिशुओं की मौत के

असली कारण का पता लगाने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं

और वैक्सीन की गुणवत्ता की जांच हो रही है।

राज्य के मुख्यमंत्री ने भी

मामले की गंभीरता को समझते हुए इसे प्राथमिकता से निपटाने का आश्वासन दिया है।

यह घटनाएँ टीकाकरण अभियान पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं,

और सरकार का कर्तव्य है कि वह इसे पारदर्शी तरीके से हल करे

ताकि भविष्य में किसी भी परिवार को इस तरह के दर्दनाक अनुभव से न गुजरना पड़े।

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि बीसीजी की 5,000 खुराकें एक बैच में प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 3,000 खुराकें दी जा चुकी हैं इसी तरह पेंटावेलेंट टीके की 10,000 खुराकों में से अब तक 6,000 खुराकें दी जा चुकी हैं उन्होंने कहा कि दोनों शिशुओं की मौत से पहले या बाद में टीकों के संबंध में कहीं से भी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है एहतियातन टीके की उक्त खेप का इस्तेमाल रोक दिया गया है

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