कौशल विकास योजना का स्पाट निरीक्षण करती कलेक्टर

कोरबा 01 फरवरी कोरबा जिले के किसानों को उनकी फसलों तथा वनापजों का सही दाम दिलाने तथा उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिये कटघोरा विकासखण्ड के सुतर्रा में हसदेव फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापना की योजना है। कृषि किसान केन्द्र लगी लगभग 5 एकड़ जमीन भी इसके लिये चिन्हांकित कर ली गई है। कलेक्टर श्रीमती कौषल ने इस प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना के लिये आॅन स्पाॅट निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देष दिये। कलेक्टर के मार्गदर्षन में इस फूड प्रोसेसिंग पार्क का नाम आगामी वर्षान्त तक खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती कौषल के साथ इस दौरान अपर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल सहित फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाली राज्य स्तरीय टीम के सदस्य भी मौजूद रहे तथा यूनिट की स्थापना के लिये अपनी जरूरतों के बारे में बताया। श्रीमती कौषल ने इस टीम को स्थानीय स्तर पर हर संभव मदद देने का अष्वासन दिया और अधिकारियों को समन्वय कर सहायोग के निर्देष दिये हैं।
कलेक्टर श्रीमती कौषल ने बताया कि जिले में किसानों तथा वनोपज संग्रहण करने वाले ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिये यह पार्क बनाया जा रहा है। इस पार्क में मक्का, लघुधान्य जैसे कोदो-कुटकी, रागी-सांवा, धान, काजू, महुआ, चिरौंजी, बेल की प्रोसेसिंग के लिये मषीनों के साथ कर पूरी इकाई स्थापित कर ली जायेगी। यहाॅं बटन तथा आयस्टर मषरूम के उत्पादन के लिये भी व्यवस्था होगी तथा किसानों को इनके उत्पादन प्रोसेसिंग का प्रषिक्षण भी मिलेगा। श्रीमती कौषल ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र से लगी जमीन पर इस फूड प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना से उसकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी तथा फूड प्रोसेसिंग के लिये नये तकनीकों का भी विकास हो पाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि इस फूड प्रोसेसिंग पार्क के स्थापित हो जाने से उसमें जिले के युवा-बेरोजगारों तथा ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। कलेक्टर ने इस पार्क के लिये जमीन का चिन्हांकन करते हुये उसके हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देष दिये। उन्होंने प्रारंभिक तौर पर जमीन पर साफ-सफाई, फैंसिंग, पानी की उपलब्धता, बिजली आदि की व्यवस्था के लिये उपस्थित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देष दिये।
कलेक्टर श्रीमती कौषल ने बताया कि हसदेव फूड प्रोसेसिंग पार्क में ही किसानों से उनकी उपज-वनोत्पाद खरीदने की भी व्यवस्था रहेगी। इसमें प्रोसेसिंग के उपरांत बने उत्पादों की जन सामान्य को बिक्री के लिये सुव्यवस्थित बाजार भी बनाया जाएगा। इस पार्क की इकाईयों से प्रोसेस्ड उत्पादों को जिले तथा राज्य से बाहर भेजने की भी व्यवस्था की जायेगी। किसानों को उनकी उपजों का सही दाम मिल सके, इसके लिये बाजार व्यवस्था का अध्ययन कर राज्य व राज्य से बाहर इन उत्पादों की मांग अनुसार मार्केटिंग की जायेगी।

- Advertisement -

Similar Articles

Advertisment

advertisement

Most Popular