छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: सूर्यकांत और समीर विश्नोई को EOW की रिमांड

इस प्रकार, कोयला घोटाला मामले में सूर्यकांत तिवारी और समीर विश्नोई की गिरफ्तारी और रिमांड को छत्तीसगढ़ की न्यायिक और प्रशासनिक प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

(Chhattisgarh Coal Scam) :- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निलंबित IAS अधिकारी समीर विश्नोई को EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण) ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। रायपुर की अदालत ने दोनों आरोपियों को 4 दिन की पूछताछ के लिए EOW को सौंप दिया है।

गिरफ्तारी और रिमांड की प्रक्रिया

राहुल का यह ब्यान देश भर में महिलाओ,युवा किसान के बीच काफी वायरल

सूर्यकांत तिवारी और समीर विश्नोई पहले से ही जेल में बंद थे।

EOW ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के

लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने यह वारंट मंजूर करते हुए उन्हें

पुलिस रिमांड पर भेज दिया। यह रिमांड EOW को जांच में मदद

करने और कोयला घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के

उद्देश्य से दी गई है।

कोयला घोटाला मामला

छत्तीसगढ़ का कोयला घोटाला एक बड़ा आर्थिक अपराध है जिसमें सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर कोयले की अवैध निकासी और बिक्री का आरोप है। इस मामले में कई प्रमुख व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं और इसकी जांच जारी है। सूर्यकांत तिवारी और समीर विश्नोई को इस घोटाले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है।

न्यायिक प्रक्रिया आगे की कार्यवाही

EOW ने अदालत में तर्क दिया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान और भी महत्वपूर्ण सबूत मिल सकते हैं, जो इस घोटाले की गहराई को उजागर कर सकते हैं। कोर्ट ने EOW की दलील को मानते हुए रिमांड को मंजूरी दी। अब EOW इन चार दिनों में आरोपियों से विस्तृत पूछताछ करेगी और आवश्यक जानकारी जुटाएगी। इन चार दिनों की पूछताछ के बाद EOW अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसमें पूछताछ से प्राप्त जानकारी और सबूत शामिल होंगे। इसके बाद अदालत यह निर्णय लेगी कि आगे की जांच और न्यायिक प्रक्रिया किस प्रकार चलेगी। इस घटना ने छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है, और जनता की निगाहें इस मामले की जांच और अदालत के निर्णय पर टिकी हुई हैं।

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