(प्रदेश) :- राज्य में कौशल्या मातृत्व योजना की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास से महिलाओं को जोड़ते हुए उनकी उन्नति के लिए नए रास्ते खोले गए हैं। महिलाओं को गौठानों,वनोपज संग्रहण, प्रसंस्करण सहित कई अनेक आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ा गया है इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है।
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धमतरी में महिला समूहों द्वारा दीया बनाने का काम हो रहा है,
जिन्हें बाहर से भी ऑर्डर मिलने लगा है। दंतेवाड़ा में डेनेक्स
गॉरमेंण्ट फैक्ट्री का संचालन महिलाएं कर रही हैं और रेडिमेड
कपड़े बनाकर बाहर भेज रही हैं। नारियों को
सशक्त बनाने का एक बढ़िया उदाहरण है।
आज दुर्ग में हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित
सशक्तिकरण विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए यह बातें कहीं।
भेंड़िया ने कहा कि ईश्वर के अलावा केवल स्त्री को ही सृजन
की शक्ति प्राप्त है। वह घर में मां, बहन, बेटी, पत्नि और बाहर
कामकाजी महिला जैसे अनेक स्वरूपों को अपने आप में समेटे रखती है।
सहेजने, निखारने और उन्हें अनुकूल वातावरण प्रदान करने के
लिए राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है।
बघेल ने कौशल्या मातृत्व योजना की घोषणा की है जिसमें
द्वितीय संतान कन्या के जन्म होने पर एकमुश्त 5 हजार रूपये
माता को प्रदान किया जायेगा। यह कन्या भू्रण हत्या को
रोकने के साथ ही माता के पोषण में भी सहायक होगा।
योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि राज्य
सरकार छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से महिलाओं और
महिला समूहों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ
ही उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। महिलाओं
को हाट बाजारों के माध्यम सामान के विक्रय में सहायता भी उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में अपने हितों और अधिकारों को लेकर जागरूकता आई है।