कोंडागांव. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में पांच जिलों के सरहदी इलाके में आदिवासी एकजुट होने लगे हैं। ग्रामीण आदिवासियों का एक विरोध आन्दोलन शुरू हो गया है और इस आन्दोलन में पांच जिले के 10 हजार ग्रामीण पुलिस कैम्प का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्र में विकास की मांग भी वे कर रहे हैं। ग्रामीण नए पुलिस कैम्प का विरोध करते हुए अपने गांवों में मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मावोवादी घटना में लगातार कमी की बात कह रही हैं। वहीं कोंडागांव में एक ही ग्राम पंचायत कड़ेमेटा में तीन पुलिस कैम्प खोल दिए हैं। इस नए कैम्प के विरोध में ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। सर्व आदिवासी समाज महासभा के अध्यक्ष बजर कश्यप ने कहा कि विकास के नाम पर पेशा कानून और ग्राम सभा का उलंघन किया जा रहा है। इसका विरोध खुलकर किया जाना चाहिए। शासन और प्रशासन के जिम्मेदार लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए अब ग्रामीण एकजुट होकर विरोध का रास्ता अपना रहा हैं।
सुविधाओं का आभाव
ग्रामीण आरएन कुमेटी का कहना है कि कोंडागांव राजस्व जिले के रूप में विकसित हो गया है, लेकिन आज भी अंदरूनी गांव मुलभूत सुविधा से कोसों दूर हैं। यहां विकास के नाम पर वर्दी वाले जवान ही दिखाई देते हैं। नए पुलिस कैम्प और सडक निर्माण का विरोध कर रहे ग्रामीण अपने गांव में स्कूल, अस्पताल जैसी मुलभूत सुविधा चाहते हैं