शासन द्वारा वर्मी खाद उत्पादन को बढ़ावा

वर्मी खाद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभागीय अमलों द्वारा गौठान समूहों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी अंतर्गत जिले के गौठान में पशुओं के चारे की व्यवस्था करने के लिए जिले के कृषकों द्वारा पैरादान किया जा रहा है। कृषि विभाग के उप संचालक एस.आर. डोंगरे एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी

बी.आर. घोड़ेसवार द्वारा बुधवार 09 दिसम्बर को ग्राम बम्हनी के गौठान का निरीक्षण किया गया। इस दौरान गौठान में कृषकों द्वारा 17 ट्राली पैरादान किया गया है।

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अब तक 4 गौठानों में 35 ट्राली पैरादान कृषकों द्वारा किया गया है तथा कृषकों द्वारा स्वयं आगे आकर पशुओं की चारा की व्यवस्था के लिए पैरादान किया जा रहा है।

इस तारतम्य में गौठानों में लोकास्ट तकनीकी से वर्मी खाद निर्माण के लिए ग्राम बरोण्डाबजार में 25 टांका निर्माण किया गया है। साथ ही 03 गौठानों में भी 10-10 टांके लोकास्ट तकनीकी से वर्मी टांका तैयार किया गया है, जिसमें वर्मीखाद निर्माण की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। गौठान में लोकास्ट तकनीकी के माध्यम से वर्मी खाद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभागीय अमलों द्वारा गौठान समूहों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

{महिलाएं समूह से जुड़कर बन रही है हजारों महिलाओं की रोल माॅडल}

घरों की चारदीवारी और मजदूरी करने तक सीमित रहने वाली महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान, अंतर्गत स्व-सहायता समूह से जुड़कर बदलाव की कहानियां गढ़ रही है। महासमुन्द विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के

लिए सी.आर.पी. चक्र चलाया जा रहा है तथा आमसभा का आयोजन भी किया जा रहा है। ग्राम पंचायत बावनकेरा में समूह के गठन के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं महासमुन्द के विधायक विनोद चन्द्राकर द्वारा महिलाओं को बिहान योजना से जुड़कर आजीविका गतिविधि कर आत्मनिर्भर बनने एवं

अतिरिक्त आय उपार्जन करने पर जोर दिया। समूह से जुड़ी महिलाओं ने भीे अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समूह से जुड़ने से हमारी जैसी महिलाओं में आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता बढ़ती है। इससे हम जैसी महिलाओं को अपने-अपने हुनर के अनुरूप प्रशिक्षण प्राप्त कर हम अपनी आजीविका अच्छी तरह से चला सकते है। इसके अलावा समूह में रहते हुए भी घर के कार्याें एवं पारिवारिक दायित्वों का भलीभाॅति निर्वहन कर रहें हैं। जिससे ग्रामीण अंचल की महिलाएं समूह की महिलाओं कोे अपना रोल माॅडल मानने लगी है।

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