धान बेचनें आई महिला किसान रामकुमारी चक्रधारी ने बताया कि उनके पास लगभग 03 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें वे कृषि कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उनके खेतों की धान की उपज अन्य वर्षों की अपेक्षा काफी अच्छा हुआ है। वे 122 कट्टा धान बिक्री किए हैं।
उन्होंने बताया कि इसके पूर्व गाॅव में सहकारी समिति नहीं होने पर वे बिरकोनी सहकारी समिति में धान बेचनें जाती थी। इस वर्ष धान बिक्री की राशि मिलनें पर वे अपना ऋण पटाएँगी और
यह भी पढे = संविधान दिवस पर आयोजित वेबिनार
बचत राशि से घर बनाना चाहती है। इसके अलावा वे घर पर मिट्टी की बर्तन, दीया, मटकी जैसे अन्य सामग्रियाॅ परिवार के साथ मिलकर बनाती है। राज्य शासन द्वारा खरीफ
विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत करने और पंजीकृत सभी किसानों के लिए धान उपार्जन केन्द्रों मं धान बेचने के लिए बनाई गई सुव्यवस्थित
प्रणाली से हजारों किसानों के चेहरें पर मुस्कान आ गई है। शुरुआत में जिले की 130 खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी की गई। इसमें कुछ नए खरीदी केन्द्र भी शामिल हैं। धान बेचने के
लिए किसानों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। किसान सवेरे से अपनी अपने-अपने साधनां छोटी वाहन अथवा ट्रैक्टर में धान लादकर खरीदी केन्द्र पहुंच रहे है। किसानों के गाॅवों
के आस-पास प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति खुलने से किसानों को सहुलियत हो रही हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में महासमुंद विकासखण्ड के बड़गाॅव में
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति खुलने से बड़गाॅव, नयापारा एवं अछरीडीह के सैकड़ों किसानों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। शुक्रवार 04 दिसम्बर को धान बेचनें आए
महिला किसान रामकुमारी चक्रधारी ने बताया कि उनके पास लगभग 03 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें वे कृषि कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व गाॅव में सहकारी
समिति नहीं होने पर वे बिरकोनी सहकारी समिति में धान बेचनें जाती थी। गाॅव में सहकारी समिति खुलने से उनके जैसे आस-पास के सैकड़ों किसानों को सुविधाएं मिल रही हैं
तथा उनके समय का भी बचत हो रहा है। चक्रधारी ने बताया कि राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करना बेहतर निर्णायक कार्य है। इसके अलावा उन्हें अंतर की राशि चार का भी समय-समय पर भुगतान मिला था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उनके खेतों की धान की उपज अन्य वर्षों की अपेक्षा काफी अच्छा हुआ है। वे 122 कट्टा धान बिक्री किए हैं। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करना राज्य शासन की सराहनीय पहल हैं। अब उन्हें अपने उपज और मेहनत का सही कीमत मिल रही है। इस वर्ष धान बिक्री की राशि मिलनें पर वे जमीन खरीदनें और घर बनाना चाहती है। इसके अलावा वे घर पर मिट्टी की बर्तन, दीया, मटकी जैसे अन्य सामग्रिया परिवार के साथ मिलकर बनाती है।