प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियां

राज्य में कोविड 19 वैक्सीन के टीकाकरण की तैयाारियां प्रगति पर

राज्य में कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों का 97.95 प्रतिशत डाटा एकत्र कर लिया गया है। टीकाकरण के लिए 27931 स्थलों और 8192 वैक्सीनेटर चिन्हांकित किए जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने

बताया कि वैक्सीन के सुरक्षित संधारण हेतु राज्य में 630 कोल्ड चेन पांइट कार्य कर रहे हैं और 80 नए कोल्ड चेन पाइंट बनाए जा रहे है। सुरक्षित संधारण के लिए 85000 लीटर

यह भी पढे= प्रदेश में मछली पालन को खेती का दर्जा

की अतिरिक्त क्षमता है। वैक्सीनेटर की संख्या बढ़ाने के लिए पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं केा भी प्रशिक्षित किया जा रहा है और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के वैैैक्सीनेटर को भी

चिन्हांकित कर प्रशिक्षित किया जाएगा। टीकाकरण से संबधित सिंरिंज और अन्य सामग्री के संधारण के लिए राज्य,क्षेत्रीय और जिला स्तर पर ड्राई स्टोर चिन्हांकित किए गए हैं। टीकाकरण की संपूर्ण निगरानी एवं समन्वय के  लिए राज्य  स्तरीय स्टीयरिंग समिति बनाई जा चुकी है। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक भी हो चुकी है। विभिन्न जिलों में टास्क फोर्स समिति की बैठकें भी हो रही हैं।  

मास्क ही सुरक्षा कवच है अभी कोरोना के खिलाफ

कोरोना संक्रमण के इस दूसरे दौर में फिलहाल हम सबको तीन आसान उपाय ही बचा सकते हैं। अगर ईमानदारी से इनका पालन किया जाए तो संक्रमण से बचा जा सकता है। मेकाहारा के विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ ओ पी सुंदरानी का मानना है कि जब डाॅक्टर आई सी यू जैसी अति

संक्रमित जगह में रहकर कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए भी सुरक्षित रह सकते हैं तो आम जनता आसानी से कुछ सुरक्षा उपाय अपना कर बच सकती है। इस समय भीड़ वाली

जगहों से बचना, अनावश्यक लोगों से न मिलना,दो गज की सुरक्षित दूरी का पालन करना और हाथ साबुन पानी से धोते रहना अत्यंत आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है

कि यदि 90 प्रतिशत तक आबादी मास्क सही ढंग से नाक और मुंह ढंकने लगे तो बीमारी नही फैलेगी। अभी सामान्य सी लापरवाही  भी जान पर भारी पड़ रही है। एक सर्वेक्षण में

कुछ लोगों ने कहा कि मास्क लगाने से सांस लेने में कठिनाई होती है। अगर ये लोग आई सी यू में पहुंच गए तो वेंटिलेटर पर कैसे रहेंगे। कुछ लोगों ने कहा कि हमको सांस की तकलीफ है इसलिए मास्क नही पहन सकते। चिकित्सक कहते हैं कि ऐसे लोगों को तो और अधिक मास्क पहनने की जरूरत है। कुछ लोग ये कहते हुए पाए गए कि  हमने प्रिवेन्टिव दवाई खा ली, जो कि सही जानकारी नही है अनुसंधान में कई बार यह जानकारी आई कि जिन संक्रमितों ने मास्क पहना और लोगों के संपर्क में आए ,उनसे दूसरे लोग संक्रमित नही हुए ,जबकि उनके घर के लोग संक्रमित हुए क्योंकि घर में उन्होने मास्क नही पहना था।

- Advertisement -

Similar Articles

Advertisment

advertisement

Most Popular