(प्रदेश):- स्तनपान के प्रति जनजागरूकता और उसके महत्व को लोगों तक पहुचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी
और वीडियो(video) के माध्यम से स्तनपान के महत्व की जानकारी दी गयी। कोविड-19 संक्रमण की वजह से सभी आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हितग्राहियों को घर-घर जाकर नवजात तथा दो वर्ष तक के शिशुओं का वजन लेकर जांच की। इसके साथ ही सोशल
मीडिया के माध्यम से स्तनपान(stanpan) संबंधी जानकारी भेजकर जन-जागरूकता का प्रयास किया गया उल्लेखनीय है कि मां का दूध जीवन को आधार प्रदान करने के साथ कई बीमारियों के लिए रक्षा कवच होता है। यह बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। पहले छह महीने में https://mns24news.com/स्कूल-और-अन्य-शैक्षणिक/
बच्चे को केवल स्तनपान न कराने से वह शारीरिक रूप से कमजोर होने के साथ उसमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। बच्चा बार-बार बीमार रहता है और उसका समुचित मानसिक(mansik) विकास नहीं हो पाता। इससे बच्चों की स्मरण शक्ति कम हाने के साथ बुद्धि क विकास
कम होता है। स्तनपान समय पर कराने से बच्चों में रोगों से लडने की क्षमता में वृद्धि होती है, साथ ही कुपोषण दर में कमी लाई जा सकती है। बच्चों bacchon) को स्तनपान से फायदे के बावजूद इसके प्रति जनजागरूकता और सही जानकारी का अभाव देखा गया है। इसलिए स्तनपान सप्ताह
लोगों तक इसके महत्व को पहुंचाया जाता है। स्तनपान सप्ताह का प्रमुख लक्ष्य नवजात शिशु को आरंभिक स्तनपान और 6 माह तक शिशु केे स्तनपान को बढ़ावा देना है जिससे बच्चे को पर्याप्त पौष्टिक तत्व मिल सके और उनमें प्रतिरोधक क्षमता का विकास(Vikas) हो सके। इसके लिए आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं(karykartaon) द्वारा शिशुवती माताओं को सुपोषित भोजन जैसे-रोटी, चावल, दाल, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, गुड़, रेडी-टू-ईट, अण्डा और दूध जैसे पौष्टिक आहार के नियमित सेवन करने की समझाईश दी गई। उन्हें नोवल कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने जागरूक किया जा रहा है।
(प्रदेशवासियों विशेषकर माताओं को हलषष्ठी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बधाई और शुभकामनाएं दी)
(राजधानी):- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) ने प्रदेशवासियों विशेषकर माताओं को हलषष्ठी (हरछठ) की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हलषष्ठी का त्यौहार छत्तीसगढ़ में कमरछठ के रूप में जाना जाता है, इस दिन माताएं अपने बच्चों के स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर प्रार्थना करती हैं।
गांवों और शहरों में कई जगहों पर बनायी गयी सगरी में माताएं इकट्ठा होकर पूजा करती हैं। श्री बघेल ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव और सुरक्षा वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने पूजा के दौरान भी सोशल और फिजिकल(physical) दूरी, मास्क लगाने औेर हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करने की अपील की है।