(महासमुंद):- यूपीएचसी(UPHC) यानी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिए महासमुंद नयापारा के रहवासियों को सुरक्षित प्रसव सेवाओं की सौगात मिली। शुक्रवार 28 जुलाई 2020 को यहां ब्वाॅय चाइल्ड के रूप में पहली किलकारी ने गूंज की। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक सात की निवासी अमृता जलक्षत्री की यह तीसरी डिलिवरी है जो कि बिलकुल नाॅर्मल हुई।
जबकि, इसके पूर्व उन्हें उनकी दूसरी डिलिवरी में शल्य क्रिया का सहारा लेना पड़ा था। ऐसे में, जलक्षत्री परिवार ने सरकारी चिकित्सायल की बेहतर प्रसव सेवाओं और अनुभवी चिकित्सकीय अमले के बीच जन्में अपने ढ़ाई किलो स्वस्थ नवजात शिशु को देख कर न केवल संतोष प्रकट किया बल्कि अब अपने परिचितों को भी अन्यत्र न जा कर यूपीएचसी नयापारा में डिलिवरी कराने के लिए प्रेरित करने की बात कही।
कलेक्टोरेट(collectorate) में हुई जिला स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने इस ओर सेवाएं जल्द से जल्द शुरू करने के लिए निर्देशित किया था। तदानुरूप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे ने यूपीएचसी नयापारा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनिमेश राय को तलब कर पत्राचार के जरिए कलेक्टर गोयल के निर्देशों को हफ्ते भर में पालन करने के लिए आदेशित किया।
विदित हो कि विगत पांच माह पूर्व फरवरी के महीने से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा में प्रसव सेवाएं प्रदाय किया जाना प्रस्तावित था। जहां अब तक प्रसव के लिए नयापारा की प्रसूताओं को पटरी पार जिला चिकित्सालय तक आने की बाध्यता थी, वहीं अब कलेक्टर गोयल की विशेष रुचि के परिणामस्वरूप नयापारा क्षेत्र में ही शासकीय प्रसव सेवाओं की शुरूआत आज से हो गई।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार को लेकर स्वयं मौके पर पहुंचे और प्रसूता से हाल-चाल पूछा। डाॅ. वारे ने प्रसूती के दौरान चिकित्सक के साथ संलग्न रहीं स्टाफ नर्स प्रार्थना दयाल को शाबाशी दी और कहा कि नियमित दवा वितरण कर एवं सतत निगरानी बनाए रखें जिससे कि जच्चा और बच्चा की देख-रेख में कोई कमी हो। डिस्चार्ज किए जाने के समय भी जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रदाय की जाने वाली सेवाओं के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
सीएमएचओ(CHMO) ने खुद देखे मरीज, कहा लापरवाही बर्दाश्त नही। बढ़ते क्रम में डाॅ. वारे ने यूपीएचसी नयापारा में प्रदाय की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा जायजा लिया। ओपीडी के रजिस्टर पंजी के पन्ने उलटे, मरीजों के संबंध में अधूरी जानकारी अंकित होना पाया तो अवश्यक टीप की। मौके पर प्रभारी चिकित्सक अनुपस्थित मिले तो खासी नाराजगी जाहिर करते हुए खुद ही मरीजों की जांच कर उपचारित किया। उन्होंने दू-टूक शब्दों में स्पष्ट किया कि अब किसी भी तरह की लारपरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, कारण बताओ नोटिस भी जारी होंगे। वे कड़ाई से एक्शन(action) लेंगे किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।