दिल्ली क्षेत्र में भूकंप की निगरानी

दिल्ली क्षेत्र में भूकंप की निगरानी और उपसतह संरचना की रूपरेखा तैयार करना

दिल्ली क्षेत्र में भूकंप की निगरानी और उपसतह संरचना की करनाराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में अप्रैल से अगस्त,2020 के दौरान 4 छोटे-छोटे भूकंप आयेइन घटनाओं के केंद्र तीन अलग-अलग क्षेत्रों में आते हैं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीमा, रोहतक (हरियाणा) के दक्षिण-पूर्व में 15 किमी तक और फरीदाबाद (हरियाणा) से 17 किमी पूर्व तकएनसीएस भू-भौतिक सर्वेक्षण कर रहा है तथा भूकंपीय खतरों के सटीक आकलन के लिए उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और भू-गर्भ क्षेत्र शोध का विश्लेषण और व्याख्या भी कर रहा हैप्रविष्टि

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में अप्रैल से अगस्त, 2020 के दौरान 4 छोटे-छोटे भूकंप आये। इनमें से पहला भूकंप लॉकडाउन के दौरानएनसीटी दिल्ली की पूर्वोत्तर सीमा में 12 अप्रैल, 2020 को आया था,

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जिसकी तीव्रता 3.5 थी। इन भूकंपों के बाद लगभग एक दर्जन सूक्ष्म घटनाओं (एम <3.0) का अनुभव किया गया, जिनमें बाद में आने वाले कुछ झटके (आफ्टरशॉक्स) भी शामिल थे। इन सभी घटनाओं को राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क (एनएसएन) द्वारा स्थान-निर्धारित किया गया।

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राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क (एनएसएन) का संचालन और रख-रखाव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र (एनसीएस)द्वारा किया जाता है। इन घटनाओं के केंद्र तीन अलग-अलग क्षेत्रों में आते हैं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीमा, रोहतक (हरियाणा) के दक्षिण-पूर्व में 15 किमी तक और फरीदाबाद (हरियाणा) से17 किमी पूर्व तक।10 मई 2020 को 3.4 की तीव्रता वाली दूसरी घटना के तुरंत बाद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) ने भूकंप गतिविधि के बारे में विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा की और यह महसूस किया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में आने वाले भूकंप के स्रोतों को चिह्नित करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय भूकंपीय नेटवर्क को सुदृढ़ करना और भ्रंश (फाल्ट) जैसी उपसतह की विशेषताओं की रूपरेखा तैयार करना जरूरी है, जो भूकंप के कारण हो सकते हैं। भ्रंश (फाल्ट), धरती के अन्दर की चट्टान में टूट-फूट, दरार या अनिरंतरता को कहा जाता है।

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