महामारी कोरोना वायरस की वजह से ईधन तेल की मांग घट गई है ।
(व्यपार):- तेेल का उत्पादन बदस्तूर जारी है, जिसकी वजह से तेल का भंडारण इतना बढ़ गया है ।कि इसके रखने तक की जगह नहीं है। और गैर ओपेक सदस्यीय देशों के बीच समझौता पहले ही खत्म हो चुका है। वहीं खबरें हैं कि प्रमुख तेल उत्पादक देशों की सोमवार को होने वाली बैठक फिलहाल टल सकती व्यापार से जुड़े वैश्विक सूत्रों के माने तो उनके मुताबिक प्रमुख तेल उत्पादक देशों की बहुप्रतीक्षित बैठक अब एक सप्ताह बाद होगी।’ इस बैठक में कच्चा तेल की कीमतों को उबारने के उपायों पर चर्चा होने वाली थी। इस बैठक में ओपेक देशों के अलावा रूस व अन्य उत्पादकों के भाग लेने की संभावनाएं थीं। और सउदी अरब के बीच उत्पादन में कटौती पर सहमति नहीं बन पाई है। वायरस संक्रमण के कारण वैसे भी कच्चे तेल की मांग रसातल पर पहुंच गई है। बीते कुछ समय पहले 125 डॉलर के मुकाबले इस समय कच्चा तेल के भाव 24 डॉलर प्रति बैरल के आ गए हैं। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह बैठक असफल रही तो कच्चे तेल का भाव 10 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है। तेल उत्पादक देशों की बहुप्रतीक्षित बैठक इतनी अहम है कि इसकी खबर से ही कच्चा तेल 12 डॉलत तक चढ़ गया। 31 मार्च को कच्चे तेल का भाव 22.74 डॉलर प्रति बैरल था जो कारोबार समाप्त होने पर 3 अप्रैल को 34.11 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। हालांकि पिछले 20 दिनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं आया है।
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